नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन से सैनिकों को हटाने को लेकर 13वें दौर की बातचीत संपन्न हो गई और नई दिल्ली ने स्पष्ट किया है कि यह मसला इस्लामाबाद द्वारा भारत में आंतकवाद को समर्थन देने से जुड़ा है, इसलिए काफी व्यापक है।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को राज्यसभा में ये बातें कहीं।
पर्रिकर ने सदन में पेश अपने लिखित जवाब में कहा, “सियाचिन मसले के समधान के लिए दोनों देशों के बीच दोनों देशों के रक्षा सचिवों के नेतृत्व में 13वें दौर की वार्ता संपन्न हो चुकी है। भारत सरकार ने वार्ता के दौरान पाकिस्तान से स्पष्ट कर दिया है कि सियाचिन मसले का समाधान भारत में पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद का समर्थन किए जाने से जुड़ा एक व्यापक मसला है।”
पर्रिकर ने कहा कि नौ दिसंबर, 2015 को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस्लामाबाद में पाकिस्तानी नेताओं से मिली थीं।
पर्रिकर ने कहा, “सुषमा के साथ हुई बातचीत के बाद दोनों देशों के विदेश सचिवों ने सियाचिन सहित कई मसलों पर व्यापक द्विपक्षीय वार्ता के लिए समय और रूपरेखा तैयार की।”
रक्षा मंत्री ने बताया कि सियाचीन में सैनिकों को बेहद जटिल मौसम में तैनात किया गया है, लेकिन उन्हें समस्य सुविधाएं दी गई हैं और वे हर तरह की चुनौतियों से निपटने और अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित किए गए हैं।