सिडनी, 29 जनवरी (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया में यहां 15 दिसंबर को लिंट कैफे में सुरक्षाकर्मियों द्वारा बंधकों को छुड़ाने के अभियान के दौरान मारे गए दो लोगों में से एक को पुलिस की गोलियां लगी थी। ये गोलियां एक ठोस सतह से टकराने के बाद उन्हें लगी थी। एक जांचकर्ता ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
ईरान के एक स्वयंभू धर्मगुरु मोनिस के कब्जे से बंधकों को छुड़ाने के लिए अभियान के दौरान कैफे का मैनेजर 34 वर्षीय तोरी जॉनसन और वकील व तीन बच्चों की मां 38 वर्षीय कैटरीना डाउसन की मौत हो गई थी।
न्यू साउथ वेल्स स्टेट कोरोनर द्वारा जांच में परामर्श देने वाले जेरेमी गॉम्र्ली ने कहा, “डाउसन को पुलिस की छह गोलियां लगी थी।”
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जॉनसन की हत्या सिर में गोली मारकर मोनिस ने की थी।
उन्होंने कहा, “मोनिस ने कैफे में जॉनसन को घुटनों के बल होने के लिए कहा और बिना कोई चेतावनी दिए सिर के पिछले हिस्से में गोली मार दी।”
उन्होंने कहा, “इस घटना को पुलिस के एक निशानेबाज ने भी देखा था। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों को कैफे के अंदर तत्काल घुसने का आदेश दिया गया।”
इसके बाद हुई पुलिस फायरिंग में तीन बंधक व एक अधिकारी घायल हुए थे।
अभियान के दौरान बंधक बनाने वाले ईरानी शरणार्थी व स्वयंभू तांत्रिक मोनिस को पुलिस ने 22 गोलियां मारी थी।
न्यू साउथ वेल्स के पुलिस मंत्री स्टुअर्ट एरेस ने पहले ही कहा है कि जांच यह स्पष्ट करने में मददगार साबित होगा कि लिंट कैफे के अंदर वास्तव में हुआ क्या था। उन्होंने यह भी कहा कि घटना के दौरान सुरक्षाबलों के काम पर उन्हें गर्व है।