नई दिल्ली, 18 फरवरी (आईएएनएस)। टेलीविजन धारावाहिक ‘आप के आ जाने से’ में 15 साल की एक किशोरी की विधवा मां की भूमिका निभा रहीं अभिनेत्री सुहासी धामी का कहना है कि लोगों को सामाजिक दवाब पर ध्यान नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह उनके व्यक्तिगत संबंधों में बाधा डालता है।
सुहासी ने संवाददातओं से कहा, “उम्र को बाधा नहीं माना जाना चाहिए, जब प्यार की बात आती है और तथाकथित सामाजिक वर्चस्व को किसी की सच्ची इच्छाओं पर जीत नहीं मिलनी चाहिए।”
धारावाहिक में उनका किरदार खुद से 18 वर्ष छोटे पुरुष से प्यार करने लगता है, लेकिन उसके माता-पिता और पड़ोसियों से उनका रिश्ता अच्छा नहीं बनता।
सुहासी टेलीविजन चैनल जीटीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक के लिए राजधानी में उपस्थित हुई।
उनसे पूछा गया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा इस पर सहमति जताई है कि अगर दो वयस्कों की शादी हो जाए, तो इसमें किसी को भी हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।
इस पर सुहासी ने कहा, “हां, सुप्रीम कोर्ट कहता है, लेकिन हम सभी जानते हैं कि जब हमारे माता-पिता किसी रिश्ते के खिलाफ हो जाते हैं, तो हम कितनी बार विद्रोह करेंगे?”
उन्होंने कहा, “बहुत बार कई मामले अदालतों तक नहीं पहुंचते। ये परिवार में शुरू होते हैं और पारिवारिक मामले तक ही सीमित रहकर खत्म हो जाते हैं। हम कई बार हॉनर किलिंग के बारे में सुनते हैं। ये मामले मुश्किल से ही अदालत तक पहुंचते हैं। यहां तक कि जब वे करते भी हैं, तो उन्हें कैसे नियंत्रित किया जाता है और दबाया जाता है। हम सभी यह जानते हैं। यह कोई रहस्य नहीं है।”