हार्बिन,12 अगस्त (आईएएनएस/सिन्हुआ)। द्वितीय विश्व युद्ध के समय उत्तर पूर्वी चीन के हेलोंगजियांग प्रांत में जापान की आक्रामक आव्रजन नीति के बारे में नए साक्ष्य सामने आए हैं। इनसे पता चला है कि हमलावर जापान ने इस इलाके में बड़े पैमाने पर आव्रजन अभियान चलाया था।
हार्बिन,12 अगस्त (आईएएनएस/सिन्हुआ)। द्वितीय विश्व युद्ध के समय उत्तर पूर्वी चीन के हेलोंगजियांग प्रांत में जापान की आक्रामक आव्रजन नीति के बारे में नए साक्ष्य सामने आए हैं। इनसे पता चला है कि हमलावर जापान ने इस इलाके में बड़े पैमाने पर आव्रजन अभियान चलाया था।
हेलोंगजियांग के अभिलेखागार ने 96 ऐसी फाइलों को जारी किया है जिनसे पता चलता है कि जापान ने चीन की धरती पर कब्जा कर जापानियों को बसाने का अभियान छेड़ रखा था।
अभिलेखागार के प्रमुख की शियुजुआन ने कहा कि इन फाइलों में तत्कालीन समय का भूमि रिकार्ड और जापान की आव्रजन नीतियों के लगभग हर पहलू शामिल हैं।
हेलोंगजियांग रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर था। इसी वजह से जापान ने अपनी निगाह यहां कुछ अधिक ही गाड़ दी। सितंबर 1931 से जनवरी 1941 के बीच जापान ने उत्तर पूर्वी चीन में 89 आव्रजन केंद्र बनाए। इनमें से 69 अकेले हेलोंगजियांग में थे। फाइलों से पता चलता है कि 1,30,000 जापानियों को इन इलाकों में बसाया गया था। इनमें से अधिकांश को सितंबर 1946 से पहले वापस जापान भेज दिया गया।
की ने कहा कि अभिलेखों से साफ पता चलता है कि जापान ने किस हद तक चीनियों से उनकी धरती को छीनकर उनकी प्रभुसत्ता का हनन किया था।