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 सांस्कृतिक आदान-प्रदान से दूर होंगी बाधाएं : पाकिस्तानी नाटककार | dharmpath.com

Tuesday , 29 April 2025

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सांस्कृतिक आदान-प्रदान से दूर होंगी बाधाएं : पाकिस्तानी नाटककार

August 23, 2015 10:46 pm by: Category: भारत Comments Off on सांस्कृतिक आदान-प्रदान से दूर होंगी बाधाएं : पाकिस्तानी नाटककार A+ / A-

नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)| पाकिस्तानी शासन तंत्र को अपने नाटकों से चुनौती देने वाले नाटककार शाहिद नदीम का कहना है कि वह चाहते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत हो। उनका कहना है कि बातचीत न होने पर भी पड़ोसियों के रिश्तों में आईं बाधाओं को हटाने की कोशिशें जारी रहेंगी। वह सांस्कृतिक आदान-प्रदान के जरिए कोशिश करते रहेंगे।

पाकिस्तान के नाटककार शाहिद नदीम 26 वर्षो से थिएटर की दुनिया से जुड़े हुए हैं। वह 14 सितंबर से होने वाले पाकिस्तानी नाट्य समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारत आए हुए हैं।

दिल्ली की स्वयंसेवी संस्था रूट्स टू रूट की ओर से आयोजित इस नाट्य समारोह में नदीम मुगलकाल पर आधारित अपने तीन नाटक पेश करेंगे। पाकिस्तानी नाट्य संस्था अजोका से जुड़े नदीम गुजरे 26 वर्षो में कई बार भारत में अपने नाटकों का प्रदर्शन कर चुके हैं।

रविवार को आईएएनएस से बातचीत में नदीम ने कहा, “अपनी इस यात्रा में मैं भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होते देखना चाहता था। चाहता था कि संवाद की शुरुआत हो, गतिरोध टूटे। लेकिन मौजूदा पेचीदा सूरतेहाल से निकलने के लिए हम सिर्फ सरकारों की पहल का ही इंतजार नहीं करते रह सकते। हमें सांस्कृतिक आदान-प्रदान के जरिए रिश्तों के बीच पनपी बाधाओं को दूर करना होगा। मैं थिएटर के जरिए यह काम करूंगा।”

नदीम ने कहा, “सरकारों को सिर्फ कश्मीर या आतंकवाद पर ही बात करने की जरूरत नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक मोर्चे पर भी इसकी जरूरत है।”

68 वर्षीय नदीम कश्मीर में उसी साल पैदा हुए थे, जब भारत का बंटवारा हुआ था। उनका परिवार सीमा के उस पार लाहौर में जाकर बस गया। देश विभाजन का ‘बोझ’ आज भी उन्हें ढोना पड़ रहा है।

नदीम कहते हैं, “अपने जन्मस्थान कश्मीर की यादें और फिर मेरी पहचान का सवाल कि मैं कश्मीरी हूं, पंजाबी हूं, पाकिस्तानी हूं या हिंदुस्तानी हूं, कभी भी मेरा पीछा नहीं छोड़ता। विभाजन का मेरे काम पर गहरा असर पड़ा है।”

नदीम कहते हैं कि वह यह देखते हुए बड़े हुए हैं कि उनके पिता किस तरह अपनी जन्मभूमि कश्मीर के लिए ललकते रहते थे।

नदीम अपने नाटक ‘एक थी नानी’ का जिक्र करते हैं और बताते हैं कि कैसे 1993 में इस नाटक की वजह से ही दो बिछुड़ी बहनें, अभिनेत्री जोहरा सहगल और उजरा भट्ट एक-दूसरे से मिल सकी थीं। यह नाटक इस सवाल पर था कि देश विभाजन के बाद भारत में रहने वाली जोहरा और पाकिस्तान में रहने वाली उजरा की जिंदगियों ने कैसी शक्ल अख्तियार की।

नदीम कहते हैं कि उनके काम का एक बड़ा हिस्सा किसी न किसी तरह विभाजन से पैदा हुई समस्याओं और चुनौतियों से ही संवाद करता है। उनकी कोशिश न सिर्फ भारत-पाकिस्तान के अवाम के बीच, बल्कि दोनों तरफ के कश्मीरियों के बीच सद्भाव बढ़ाने की भी है।

लेखक सआदत हसन मंटो के जीवन पर आधारित नदीम का एक नाटक भी काफी चर्चा में रहता है। नदीम कहते हैं कि मंटो पाकिस्तान के हालात से खिन्न रहते थे। उनकी विचारधारा उससे मेल नहीं खाती थी। उन्होंने लिखा था कि उन्हें डर है कि मरने के बाद पाकिस्तानी सरकार उन्हें जबरन कोई मेडल न दे दे। 2012 में ऐसा ही हुआ। दिवंगत मंटो को पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दे दिया गया।

नदीम कहते हैं, “मंटो को सम्मान देना विरोधाभास और दोहरे मानदंड की मिसाल है। समाज आज भी असहिष्णु है। लोग आज भी मंटो की सोच को पचा नहीं पाते, लेकिन चूंकि दुनिया मंटो की इज्जत करती है, इसलिए उन्होंने उन्हें सम्मान दे दिया। मंटो अगर आज जिंदा होते तो उन्हें अब तक किसी का एजेंट या अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्रकारी घोषित कर दिया जाता। आलोचना या मतभेद के प्रति समाज की असहिष्णुता का यही आलम है।”

नदीम कहते हैं कि उनके नाटकों का ताल्लुक पाकिस्तान से होता है, लेकिन पाकिस्तान के मुकाबले भारत में उनके नाटकों को अधिक बेहतर समझा जाता है। केरल के एक भाजपा नेता ने तो एक बार मंच पर आकर उनके कलाकारों को गले लगा लिया था।

उन्होंने बताया कि इस्लामाबाद का भारतीय उच्चायोग उन्हें वीजा देने में कोई आनाकानी नहीं करता।

नदीम ने इस बात पर दुख जताया कि बजाए बढ़ाने के, दोनों देशों की सरकार सांस्कृतिक आदान-प्रदान को हतोत्साहित कर रही हैं। नदीम कहते हैं कि सारी जिम्मेदारी स्वयंसेवी संस्थाओं पर आ गई है। यह हताश करने वाला है, लेकिन बेहतर रिश्तों की उन लोगों की कोशिशें जारी रहेंगी।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान से दूर होंगी बाधाएं : पाकिस्तानी नाटककार Reviewed by on . नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)| पाकिस्तानी शासन तंत्र को अपने नाटकों से चुनौती देने वाले नाटककार शाहिद नदीम का कहना है कि वह चाहते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बी नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)| पाकिस्तानी शासन तंत्र को अपने नाटकों से चुनौती देने वाले नाटककार शाहिद नदीम का कहना है कि वह चाहते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बी Rating: 0
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