सांची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में सत्र 2013-14 के जीरो इयर होने के हालात बन रहे हैं। सत्र को जीरो ईयर होने से बचाने के लिए आनन-फानन में पांच नए सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। यह कोर्स अगले दो महीने में ही शुरू होंगे।
भोपाल। सांची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में सत्र 2013-14 के जीरो इयर होने के हालात बन रहे हैं। वर्ष 2012 में स्थापना के बाद से विवि प्रशासन अभी तक एक भी कोर्स शुरू नहीं कर सका है। अब सत्र को जीरो ईयर होने से बचाने के लिए आनन-फानन में पांच नए सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। यह कोर्स अगले दो महीने में ही शुरू होंगे। सभी कोर्स बौद्ध दर्शन, सनातन धर्म और भारतीय ज्ञान अध्ययन, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध अध्ययन, तुलनात्मक धर्मों और भाषा तथा साहित्य एवं कला संकाय के अंतर्गत शुरू किए जाएंगे।
विवि प्रशासन ने अगला सत्र शुरू होने से पहले ऐसे समय कुछ पाठ्यक्रमों को शुरू करने की तैयारी की है , जब मौजूदा सत्र 2013-14 लगभग आधा बीत चुका है। विवि ने विद्या परिषद व अकादमिक काउंसिल की बैठकों के बाद पांच पाठ्यक्रमों का सिलेबस तैयार किया है। शुरुआत सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों से की जा रही है। यह सभी कोर्स छह महीने की अवधि वाले होंगे। इन सभी पाठ्यक्रमों की आधिकारिक सूचना बुधवार को जारी की जाएगी।विवि के इंचार्ज ऑफिसर राजेश गुप्ता ने बताया कि, विवि के पाठ्यक्रमों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डिजाइन किया गया है ताकि यहां विदेशी विद्यार्थी भी आकर पढ़ सकें। विवि चीन, जापान, थाईलैंड, भूटान, श्रीलंका, ताइवान, कोरिया आदि जैसे देशों को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रमों को तैयार कर रहा है, जहां बौद्ध अनुयायियों की सं या अधिक है। इसके अलावा बौद्ध दर्शन में शोधकार्य के लिए इन्हीं देशों के शिक्षण संस्थानों के साथ करार की भी तैयारी कर रहा है। हाल ही में शासन ने विवि को 353 पदों की मंजूरी दे दी है। इनमें 104 पद शैक्षणिक व 249 पद गैर शैक्षणिक होंगे। इन पदों को भरने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी।
कॉन्फ्रेंस में होगी चर्चा
विवि में आगामी 28 फरवरी से शुरू हो रही धर्म-धम्म पर होने वाली दूसरी अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में कोर्स से जुड़े विषयों पर चर्चा की जाएगी। कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने भूटान की राजकुमारी आशी सोनम देचान वांगचुक आ रही हैं। वे कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल रामनरेश यादव करेंगे। इस अवसर पर विभिन्न देशों के राजदूत व रिसर्च स्कॉलर भी मौजूद रहेंगे।