मुंबई, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश में बढ़ती असहिष्णुता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने सहिष्णुता की वकालत करते हुए शनिवार को कहा कि सहिष्णुता से कई अपराधों पर लगाम लगाया जा सकता है और भारत ने बहस का संरक्षण किया है और विभिन्न विचारों का हमेशा स्वागत किया है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली में दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राजन ने कहा कि सहिष्णुता और एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना से समाज में संतुलन कायम होगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि सहिष्णुता का अर्थ है किसी विचार के प्रति इतना भी असुरक्षित नहीं हों कि कोई उसे चुनौती न दे दे। यह कुछ हद तक अनासक्त होना है, जो परिपक्व विमर्श के लिए बेहद आवश्यक है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज की चेतावनी के एक दिन बाद उन्होंने कहा कि सौभाग्यवश भारत ने बहस और विभिन्न विचारों का हमेशा संरक्षण किया है।
‘इंडिया आउटलुक : सर्चिग फॉर पोटेंशियल’ शीर्षक से एक रिपोर्ट में मूडी एनालिटिक्स ने कहा कि हिंसा बढ़ने से सरकार को राज्य सभा में और कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा और ऐसे में वहां बहस आर्थिक नीति से भटक जाएगी।
मूडी एनलिटिक्स ने कहा कि राजनीति में सुधार लाने की जरूरत है और सरकार के सुधवारवादी एजेंडे को दीर्घकालीन विकास की प्राप्ति पर ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कोई भी विचार अथवा व्यवहार जिससे किसी खास तबके अथवा समूह को ठेस पहुंचती है, उस पर रोक लगनी चाहिए और बेहतर होगा कि हम त्वरित रोक लगाने के बजाय सहिष्णुता और आपसी सम्मान के जरिए विचारों के लिए बेहतर परिवेश बनाएं।
राजन ने कहा कि निश्चित रूप से हमारे जैसे गरीब देश कुछ और लोगों को काम पर लगाकर, उन्हें कम उत्पादकता वाली कृषि से हटाकर उच्च मूल्यवर्धित उद्योग या सेवाओं से जोड़कर और उन्हें काम हासिल करने के लिए बेहतर तरीका देकर कुछ और समय के लिए वृद्धि दर्ज कर सकते हैं।