नई दिल्ली, 29 मार्च (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को सहारा की उन संपत्तियों को बेचने की अनुमति दे दी, जिनका निर्विवाद मालिकाना हक उसके पास है। संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग उन आम निवेशकों की राशि लौटाने में किया जाएगा, जो सहारा की दो कंपनियों ने लोगों से वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचरों के जरिए जुटाई थी।
प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि नियामक सहारा की संपत्तियों को बेचने की प्रक्रिया के लिए एक एजेंसी नियुक्त करेगा।
अदालत ने यह भी कहा कि संपत्तियों की बिक्री संबंधित सर्किल दर के 90 फीसदी से कम कीमत पर नहीं बेची जा सकेगी।
इन संपत्तियों की कुल कीमत 40 हजार करोड़ आंकी जा रही है।
संपत्तियों को बेचने की पूरी प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.एन. अग्रवाल की देख रेख में पूरी की जाएगी और सहारा को संपत्तियों की बिक्री के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी जाती रहेगी।