नई दिल्ली, 28 जनवरी (आईएएनएस)। ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों के बगैर संविधान की भूमिका को प्रकाशित कराए गए एक सरकारी विज्ञापन की कांग्रेस ने निंदा करते हुए कहा कि यह व्यवस्था की मूल भावना का अपमान है।
नई दिल्ली, 28 जनवरी (आईएएनएस)। ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों के बगैर संविधान की भूमिका को प्रकाशित कराए गए एक सरकारी विज्ञापन की कांग्रेस ने निंदा करते हुए कहा कि यह व्यवस्था की मूल भावना का अपमान है।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा, “यह विज्ञापन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले भाजपा सरकार ने जारी किया जिसमें संविधान की भूमिका के दो बुनियादी शब्दों धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद को हटा दिया गया। यह संविधान का निरादर और इसकी मूल भावना को दूषित करने की झलक पेश करता है।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “कांग्रेस और देश के हर नागरिकों का हमारे संविधान की मूल भावना में विश्वास है। सभी इसे भारत भूत, वर्तमान और भविष्य के लिए शासन का ढांचा के रूप में मानते हैं और भारत के ऐसे हर नागरिक की तरफ से हम इस मुद्दे पर भारत सरकार से तुरंत माफी मांगने की मांग करते हैं।”
उन्होंने कहा, “हम प्रधानमंत्री से भी धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद शब्द पर उनकी समझदारी और परिभाषा पर उनके रुख को स्पष्ट करने के लिए मुलाकात करेंगे। उनसे संविधान में अंतर्निहित इन दो शब्दों को सरकार ने जिस रास्ते पर ले जाने की पेशकश की है उसे भी स्पष्ट करने को कहा जाएगा।”