प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जुलाई को सरकारी जॉब पोर्टल असीम की शुरुआत की थी. आंकड़े बताते हैं कि 14 अगस्त से 21 अगस्त के बीच एक सप्ताह के भीतर पोर्टल पर सात लाख से ज़्यादा लोगों ने रोज़गार के लिए पंजीकरण कराया, लेकिन सिर्फ 691 लोगों को ही रोज़गार मिला.
नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 11 जुलाई को शुरू किए गए सरकारी जॉब पोर्टल पर सिर्फ 40 दिनों के भीतर 69 लाख से अधिक लोगों ने रोजगार के लिए पंजीकरण कराया था, लेकिन पंजीकरण कराने वालों में से एक बेहद छोटी संख्या में ही लोगों को रोजगार मिल पाया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 14 अगस्त से 21 अगस्त के बीच एक सप्ताह के भीतर पोर्टल पर सात लाख से ज्यादा लोगों ने रोजगार के लिए पंजीकरण कराया लेकिन इस दौरान सिर्फ 691 लोगों को ही रोजगार मिला.
कौशल विकास मंत्रालय एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा अपने आत्मनिर्भर स्किल्ड एंप्लॉएज एंप्लोयर मैपिंग (असीम) पोर्टल पर जुटए गए आंकड़ों से पता चलता है कि रोजगार की तलाश कर रहे 3.7 लाख उम्मीदवारों में से सिर्फ दो फीसदी को ही रोजगार पा सके.
पंजीकरण कराने वाले 69 लाख प्रवासी कामगारों में से 1.49 लाख लोगों को ही रोजगार की पेशकश की गई, लेकिन इनमें से भी सिर्फ 7,700 लोग ही रोजगार कर सके.
मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पोर्टल समय-समय पर विभिन्न क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की सहायता के लिए बना था, जिन लोगों ने पंजीकरण कराया, वे सिर्फ प्रवासी कामगार नहीं है.
इनमें दर्जी, इलेक्ट्रीशियन, फील्ड तकनीशियन, सिलाई मशीन ऑपरेटर और फिटर भी हैं जबकि कुरियर डिलीवरी एग्जीक्यूटिव, नर्स, एकाउंट एग्जीक्यूटिव, मैनुअल क्लीनर और सेल्स एसोसिएट की मांग सबसे अधिक है.
आंकड़ों से पता चलता है कि कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों में श्रमिकों की भारी कमी है.
मार्च में लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से इन राज्यों में प्रवासी कामगारों का पलायन भी देखा गया, जिनमें अधिकतर उत्तर प्रदेश और बिहार से थे.