वाशिंगटन, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। समृद्ध देशों के केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीति के कारण वैश्विक वित्तीय अस्थिरता का जोखिम काफी बढ़ गया है। यह बात भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कही।
उन्होंने यहां ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की एक बैठक में कहा, “प्रमुख विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा लीक से हटकर अपनाई गई मौद्रिक नीति (यूएमपी) से बाहर निकलने को लेकर अनिश्चितता कायम है।”
जेटली ने कहा, “इस तरह से कम ब्याज दर की काफी लंबी अवधि के कारण वैश्विक वित्तीय अस्थिरता का जोखिम काफी बढ़ गया है।”
ब्रिक्स देशों में शामिल हैं ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका। ब्रिक्स का सातवां शिखर सम्मेलन जुलाई में रूस में होने वाला है।
यह बैठक 100 अरब डॉलर वाले ब्रिक्स विकास बैंक के संचालन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आयोजित की गई थी।
ब्रिक्स नवीन विकास बैंक का मुख्यालय शंघाई में स्थापित होने की उम्मीद है और भारत इसका पहला अध्यक्ष नियुक्त करेगा।
जेटली ने यहां बैठक में कहा, “जहां तक बैंक के अध्यक्ष की बात है, तो हम इस पद के लिए उम्मीदवार नामित करने की आखिरी प्रक्रिया में हैं।”