लखनऊ , 29 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि आरएसएस का मुख्य उद्देश्य यही है कि सभी के पास रोटी, कपड़ा और मकान हो। देश में शिक्षा और स्वास्थ्य सबका अधिकार है और आरएसएस इसी अधिकार की लड़ाई लड़ रहा है।
लखनऊ में पीजीआई के सामने माधव सेवाश्रम के नए भवन के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों के सेवाभाव से लोकनायक जेपी भी प्रभावित थे।
उन्होंने कहा कि संघ समाज की पीड़ा दूर करता है, किसी को लड़ाता नहीं, यही वजह है कि समाज में बहुत तेजी से लोग संघ से जुड़ रहे हैं।
भागवत ने कहा कि स्वयंसेवक अपने मन से सेवा करते हैं न कि मेवा पाने के लिए। सेवा ही आरएसएस का धर्म है। यही वजह है कि 1925 में संघ की स्थापना के बाद से ही स्वयंसेवक देश में कहीं भी आपदा या विपदा आई हो, सबसे पहले पहुंचते हैं।
भागवत ने कहा कि जो मनुष्य होगा, उसमें संवेदना भी होगी और सेवा भाव भी। जो अपने लिए जीता है वह पशु के सामान होता है।
भागवत ने मंगलवार को ‘राष्ट्रधर्म’ पत्रिका के प्रिटिंग प्रेस का लोकार्पण भी किया। इस दौरान राष्ट्रधर्म के प्रबंधक पवनपुत्र बादल भी मौजूद रहे। इससे पहले भागवत ने परिसर में लगी दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति पर मल्र्यापण भी किया।
लोकार्पण के पहले केंद्रीय लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री कलराज मिश्रा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी समेत अनेक नेता मौजूद रहे।