(खुसुर-पुसुर)- मप्र भाजपा संगठन युवाओं से अब किनारा करता दिख रहा है.घोषित सभी समितियों में युवा मोर्चा से एक भी सदस्य नहीं लिया गया है.जब भाजपा अध्यक्ष नन्द कुमार सिंह से इस बाबत पुछा गया तो उन्होंने बड़ा अजीब उत्तर दिया की युवाओं के पास इतना अनुभव नहीं है की वे समितियों में स्थान पा सकें,युवा मोर्चे में पदाधिकारियों की औसतन आयु 30 वर्ष के ऊपर है अब इस उम्र में भी अनुभव नहीं आएगा तो कब इस उम्र में ही यदि युवाओं को हतोत्साहित कर दिया गया तो नए राजनीतिज्ञ कैसे सामने आयेंगे.युवाओं का इस्तेमाल सिर्फ वोट बैंक के लिए कर उन्हें किनारे कर दिया गया है.
यदि बनायी गयी समितियों में युवाओं को भी स्थान दिया जाता तो वे अन्य वरिष्ठ सदस्यों का सानिध्य पा कर राजनीतिक जमीन पर जल्दी तैयार होते और एक नयी पीढ़ी तैयार होती लेकिन राजनीती में बरगद के वृक्ष अपने नीचे किसी को पनपने नहीं देते.
युवा मोर्चा अध्यक्ष अमरदीप मौर्य आज भी अपनी पहचान के लिए संघर्षरत हैं.मोदी की सुनामी में भी इन जैसों को टिकट से वंचित रखा गया जो युवाओं के प्रति भाजपा की गंभीरता को प्रदर्शित करता है.