इस्लामाबाद, 10 फरवरी (आईएएनएस)। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि अगर वे कभी अफगानिस्तान में सत्ता में आते हैं तो वे पाकिस्तान के साथ भाई और पड़ोसी जैसा व्यवहार करेंगे और आपसी सम्मान के आधार पर व्यापक व मजबूत संबंध चाहेंगे।
‘डॉन न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में मुजाहिद ने स्वीकार किया कि सोवियत आक्रमण के दौरान अफगान शरणार्थियों के लिए पाकिस्तान सबसे महत्वपूर्ण पनाहगाह बना था और यहां तक कि इसे अफगानिस्तान के लोगों द्वारा ‘दूसरे घर’ के तौर पर माना जाता है।
साक्षात्कार में, उन्होंने अमेरिका के साथ वार्ता के बारे में भी जिक्र किया और जोर देकर कहा कि वाशिंगटन के साथ तालिबान अपनी पहल पर वार्ता कर रहा है।
उन्होंने कहा, “किसी बाहरी देश द्वारा इसमें कोई भूमिका नहीं निभाई जा रही है। यह हमेशा से हमारी पहल और नीति रही है।”
मुजाहिद ने कहा कि 2001 में अमेरिका के आक्रमण करने से पहले तालिबान ने उससे युद्ध के बजाय बातचीत करने का आग्रह किया था लेकिन उस समय वह वार्ता करने का इच्छुक नहीं था।
तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि चल रही वार्ता के बावजूद, समूह अभी तक किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है जो शत्रुता को फौरन खत्म कर देगा।
उन्होंने कहा, “हम युद्ध छेड़ने के लिए मजबूर हैं। हमारे दुश्मन हम पर हमला कर रहे हैं। इसलिए, हम उनका मुकाबला भी कर रहे हैं।”
प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति पर भी बात की।
उन्होंने कहा कि तालिबान ने एक ‘इस्लामिक समाज’ की कल्पना की और अधिकारों का एक ढांचा तैयार करना चाहता था, “जो इस्लामी सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं करता है और सभी पुरुष और महिला सदस्यों के लिए मान्य है।”