नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में बाहरी नेताओं को तवज्जो देने और पार्टी नेताओं को किनारे लगाने से उपजा असंतोष मंगलवार को फूटकर बाहर आ गया।
अपने नेता को टिकट न मिलने से नाराज पार्टी की दिल्ली प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय, पार्टी नेता शिखा राय तथा अभय वर्मा के समर्थकों ने मंगलवार को भाजपा मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया।
पार्टी द्वारा सोमवार रात घोषित 62 उम्मीदवारों की सूची में तीनों नेताओं के नाम नदारद थे।
साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में शिखा राय कस्तूरबा नगर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव हार गई थीं। इस बार भाजपा ने इस सीट पर रविंदर चौधरी को उम्मीदवार बनाया है।
उसी तरह, वर्मा ने साल 2013 में लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह विनोद कुमार बिन्नी से हार गए थे।
हालांकि इस बार भाजपा ने इस सीट से पार्षद बी.बी.त्यागी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि हाल में भाजपा में शामिल हुए बिन्नी को पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, उपाध्याय ने मालवीय नगर से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की थी, लेकिन वह टिकट पाने में नाकामयाब रहे।
भाजपा महासचिव जे.पी.नड्डा ने संवाददाताओं से कहा, “सतीश उपाध्याय पर बहुत जिम्मेदारी है और वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।”
प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को तीनों नेताओं के पक्ष में नारे लगाए। इस दौरान पार्टी कार्यालय में ही मौजूद उपाध्याय अपने समर्थकों को शांत कराते दिखे।
उन्होंने कहा, “मैं कभी चुनाव नहीं लड़ना चाहता था और विधानसभा चुनाव जीतने के लिए हम साथ मिलकर काम करेंगे।”
इस बीच, शहर के अन्य भागों में भी प्रदर्शन देखने को मिला।
जय भगवान अग्रवाल के समर्थकों ने रोहिणी में प्रदर्शन किया। इस सीट पर अग्रवाल की जगह भाजपा की दिल्ली प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष विजेंदर गुप्ता को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं ओखला से टिकट न मिलने पर धीर सिंह विधूड़ी ने पार्टी छोड़ दी।
दिल्ली में सात फरवरी को चुनाव होने हैं, जबकि परिणाम 10 फरवरी को आएंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।