नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)। संसद में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार अपने तुरुप का पत्ता खेलने की योजना बना रही है। सरकार अनुसूचित जातियों के सशक्तीकरण और आरक्षण संबंधी लंबित दो विधेयक पेश करेगी। जाहिर है, विपक्ष इसकी अनदेखी नहीं कर पाएगा।
नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)। संसद में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार अपने तुरुप का पत्ता खेलने की योजना बना रही है। सरकार अनुसूचित जातियों के सशक्तीकरण और आरक्षण संबंधी लंबित दो विधेयक पेश करेगी। जाहिर है, विपक्ष इसकी अनदेखी नहीं कर पाएगा।
सरकार की रणनीति को लेकर राय है कि इस कदम से न सिर्फ विपक्ष बंट जाएगा, बल्कि विधानसभा चुनाव वाले राज्य बिहार में राजग को दलितों का समर्थन मिलेगा।
सूत्रों ने कहा कि सरकार अगले सप्ताह विधेयक (संविधान के 117वें संशोधन विधेयक) 2012 लाने की योजना बना रही है, जिसका लक्ष्य पदोन्नति में कोटा उपलब्ध कराना है तथा दूसरा अनुसूचित जाति तथा जनजाति से संबंधित है।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, संसदीय कार्य मंत्री एम.वेंकैया नायडू और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को इस लंबित विधयेक पर एससी/एसटी सांसदों से चर्चा कर सहमति बनाने के निर्देश दिए हैं।
117वां संविधान संशोधन विधेयक एससी/एसटी को राज्य सरकार की नौकरी व पदोन्नति में कोटा उपलब्ध कराता है। इसे वर्ष 2012 में राज्यसभा में पारित किया गया था। उस वक्त कांग्रेस नीत संप्रग सत्ता में था। हालांकि समाजवादी पार्टी (सपा) के विरोध के कारण इसे लोकसभा में पारित नहीं कराया जा सका था।
सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा के एक सदस्य अमर शंकर साबले ने मोदी को संशोधन विधेयक पर एक प्रस्तुतिकरण दिया था, जिससे प्रभावित मोदी ने नायडू को निर्देश दिया कि वह जेटली तथा राजनाथ के साथ इस विधेयक पर चर्चा करें।
तीनों नेताओं के बीच शुक्रवार को बैठक होने की संभावना थी, लेकिन अंतिम क्षण में यह रद्द हो गया। सूत्रों का कहना है कि इस विषय पर जल्द चर्चा की जाएगी।
लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक अर्जुन राम मेघवाल ने भी एससी/एसटी सांसदों के साथ बैठक कर उनकी राय जानने का सुझाव दिया है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस को बताया, “अगर सरकार इन विधेयकों के साथ आती है, तो कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अन्य पार्टियों के लिए सदन की कार्यवाही को बाधित करना आसान नहीं होगा। अगर वे गतिरोध जारी रखना चाहते हैं, तो भाजपा उनके रवैये को दलित विरोधी बताने की स्थिति में होगी।”
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और बसपा इस विधेयक पर सहयोग को तैयार है।
विपक्ष इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के साथ संबंधों को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रहा है।