नई दिल्ली, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। देश के प्रधान न्यायाधीश एच.एल. दत्तू ने रविवार को उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और मुख्यमंत्रियों से संविधान का अक्षरश: पालन करने की अपील की।
उन्होंने यहां मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के एक संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हम सभी का मकसद संविधान का अक्षरश: पालन करते हुए देश की जनता की सेवा करना है। हमारे पूर्वजों ने हमारे साझा लक्ष्य निर्धारित किए हैं और उनकी घोषणा इस पवित्र संविधान में कर दी है।”
उन्होंने कानून के शासन में लोगों की आस्था को आजादी के सात दशकों की सबसे बड़ी उपलब्धि बताई और कहा कि कानून का शासन हासिल करना और उसे बनाए रखना उतना आसान नहीं है, जितना कहना आसान है।
उन्होंने कहा, “एक ऐसे देश में जहां हमारी तरह विविधता पूर्ण और आर्थिक रूप से असमान समाज है, प्रभावी न्याय की उपलब्धता सुनिश्चित कराना एक कठिन कार्य है। लेकिन यह जरूरी है कि हम लगातार इसकी कोशिश करें और इसके लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा करते रहें।”
उन्होंने सम्मेलन के बारे में कहा, “इस तरह की परिचर्चा संस्थानिक चर्चा का बेहतरीन उदाहरण है।”
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “लोकतांत्रिक शासन की यह सर्वोत्कृष्ठ परंपरा है कि राज्य के दो स्तंभ साथ बैठकर संवाद करें। यह जरूरी है कि हम सलाह पर मुक्त भाव से ध्यान दें, बदलाव को खुले दिल से अपनाएं और दृष्टि सीमा से आगे बढ़कर सोचें।”
विभिन्न अदालतों में लंबित पड़े मामलों के बारे में उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय और कई उच्च न्यायालय इस तरह के मुद्दे से निपटने के लिए कई कदम उठा रहे हैं और प्रत्येक उच्च न्यायालय में एक समिति गठित की जा रही है, जो स्थानीय संदर्भ में लंबित मुद्दों के निपटारे के लिए रणनीति का विकास करेगी।
उन्होंने कहा कि यह चिंता की बात है कि युवा न्यायपालिका से यह सोच कर नहीं जुड़ रहे हैं कि यह आर्थिक रूप से सक्षम पेशा नहीं है।