नई दिल्ली- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार देश भर में पारम्परिक औषधियों और रक्षात्मक एवं प्रोत्साहक देखभाल सुविधाओं की स्थापना के द्वारा संपूर्ण उपचार के महत्व पर सर्वाधिक जोर दे रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नालिस्ट कॉपरेटिव हाऊस बिल्डिंग सोसाइटी द्वारा आयोजित एक नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का उद्घाटन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय आयुष अभियान के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति, जन-स्वास्थ्य व्यवस्था खासतौर पर दुर्गम क्षेत्रों में होने वाली कमियों को दूर करने में महत्वपूर्ण श्रृंखलाबद्ध उपायों के तौर पर कार्य करेगी।
इस शिविर का आयोजन हरि कृष्ण त्रिवेदी होम्योपैथिक डिस्पेंसरी की स्थापना की पहली वर्षगांठ के अवसर पर किया गया था।
मंत्री ने कहा कि वह लोगों के उपचार के लिए सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों की सिफारिश के लिए आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथिक (आयुष) के विशेषज्ञों के एक समूह का गठन पहले ही कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में तैयार होने वाला अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान संपूर्ण औषधियों के मामले में उत्कृष्ट 100 बिस्तरों वाला एक केन्द्र होगा। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि जल्द ही संपूर्ण चिकित्सा पद्धति देश भर के प्रमुख अस्पतालों में एक विशेषता के तौर पर सामने होगी।
हाल ही में भारत और बंगलादेश ने पारम्परिक दवाइयों से उपचार के मामले में अनुसंधान और विकास में सहयोग के लिए एक समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।