नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को गुजरात के पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईपीएस) अधिकारी संजीव भट्ट की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने उन पर लगे आरोपों की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने का अनुरोध किया था।
भट्ट पर आरोप है कि उन्होंने गुजरात के तत्कालीन अतिरिक्त महाधिवक्ता तुषार मेहता का ईमेल अकाउंट हैक किया था और उसमें छेड़छाड़ की थी।
वर्तमान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य रूप से केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू और न्यायाधीश अरुण मिश्रा की खंड पीठ ने भट्ट की याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत से सुनवाई यथासंभव शीघ्रता से पूरी करने के लिए कहा है।
यह फैसला न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने सुनाया है।
न्यायालय ने भट्ट की वह याचिका भी खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने स्वयं पर लगे उन आरोपों की जांच एसआईटी से कराने की मांग की थी, जिनके अनुसार उन्होंने अपने सरकारी ड्राइवर को यह हलफनामा दायर करने के लिए मजबूर किया था कि वह उन्हें 27 फरवरी, 2002 को तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद मोदी के सरकारी आवास पर ले गया था। जहां मोदी ने कथित तौर पर अपने अधिकारियों से गोधरा कांड के परिणामस्वरूप लोगों में उपजे आक्रोश को जाहिर करने देने के लिए कहा था।