अध्ययन के मुताबिक इन बाधाओं में समुद्र, पर्यावरण परिस्थितियां जैसे जलवायु या अन्य प्रजाति (कीट या अन्य जंतु) की उपस्थिति जिस पर संक्रामक बीमारियों का प्रसार निर्भर करता है, जैसे कारक हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो इन बीमारियों का दुनियाभर में फैलना सचमुच में आसान नहीं है।
कुछ बीमारियों का प्रसार विभिन्न देशों के बीच होता है जबकि कुछ का नहीं, इसके कारण का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं के एक दल ने 225 देशों में मानव में होने वाली 187 संक्रामक बीमारियों के प्रसार का विश्लेषण किया। विश्लेषण के दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में पौधों व जंतुओं के वितरण के जैसा ही एक प्रतिरूप संक्रामक बीमारियों के प्रसार में पाया। दो देशों की जैव विविधताएं जितनी समान होगी, दोनों के बीच संक्रामक बीमारियों का भी उसी तरह से प्रसार होगा।
अध्ययन में शामिल इंपीरियल कॉलेज के डॉ. क्रिस मुर्रे ने कहा, “नए जगहों पर संक्रामक रोगों के प्रसार में मानवीय गतिविधियों ने निश्चित तौर पर योगदान दिया है, हालांकि मानव में होने वाली संक्रामक बीमारियों का प्रतिरूप वन्यजीव जैव विविधता के प्रतिरूप के बिल्कुल समान है।”