कोलंबो, 23 मार्च (आईएएनएस)। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने सोमवार को देश के उत्तरी क्षेत्र में सेना द्वारा कब्जे में ली गई जमीन उसके वास्तविक मालिकों को सौंप दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया कि तमिल बहुल उत्तरी इलाके में भूमि के मुद्दे को हल कर लिया जाएगा और उच्च सुरक्षा क्षेत्रों के रूप में उपयोग की जा रही भूमि को वापस कर दिया जाएगा।
उल्लेखीय है कि श्रीलंका में तमिल समुदाय अल्पसंख्यक है।
30 सालों तक चले गृहयुद्ध के दौरान श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी प्रांतों में सुरक्षा कारणों से आम लोगों से बड़े पैमाने पर सरकार ने भूमि अपने कब्जे में ले ली थी।
तमिल विद्रोहियों को 2009 में हरा दिया गया था और कुछ सार्वजनिक संपत्ति लौटा दी गई थी, जबकि बड़े पैमाने पर संपत्ति सेना के कब्जे में ही थी।
सिरिसेना ने सोमवार को उत्तरी शहर जाफना का दौरा किया और पूर्व उच्च सुरक्षा क्षेत्र में आने वाली भूमि के दस्तावेज उनके वास्तविक मालिकों को सौंप दिए। शुरुआती दौर में 425 एकड़ भूमि को उनके वास्तिविक स्वामियों को लौटा दिया गया।
राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी जाति और धर्म के लोगों को पेश आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार सिंहला, तमिल और मुस्लिम समुदायों के बीच शांति और सुलह कराने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं इन समुदायों के बीच अविश्वास, भय और संदेह खत्म होने वाला है।
सिरिसेना ने कहा, “सरकार ने उत्तर और पूर्व में लोगों की भूमि की समस्या हल करने को प्राथमिकता दी है।”
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार उत्तरी और पूर्वी प्रांतों में युद्ध में तबाह हुए धार्मिक स्थलों को दोबारा से बनाने के लिए एक योजना लागू करने वाली है।