कोलंबो, 13 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि श्रीलंका भारत का सबसे मजबूत साझेदार बन सकता है। उन्होंने साथ ही कहा कि भारत के आर्थिक विकास पर श्रीलंका का पहला दावा बनता है।
मोदी ने श्रीलंका के संसद को संबोधित करते हुए कहा, “मेरी नजर में आदर्श पड़ोस वह है, जहां व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान आसानी से सीमा के आर-पार हो सके और जहां साझेदारी बहुत आसानी से हो सके।”
मोदी ने कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे तेज आर्थिक विकास बड़ा वाला देश है।
उन्होंने कहा, “मुझे खुशी होगी यदि भारत अपने पड़ोसी के विकास में उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकेगा।” सांसदों के मेज थपथाने के तुरंत बाद ही उन्होंने कहा, “पड़ोसियों में पहला दावा श्रीलंका का बनता है।”
मोदी ने कहा कि श्रीलंका भारत का एक मजबूत आर्थिक साझेदार बन सकता है और उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत व्यापार बढ़ाने और उसमें संतुलन लाने के लिए प्रमुख चिंताओं पर गौर करेगा।
उन्होंने श्रीलंका के साथ विकास की साझेदारी के लिए भारत की प्रतिबद्धता का वादा किया।
उन्होंने कहा, “यह एक दोस्त और पड़ोसी की जिम्मेदारी है।” उन्होंने कहा कि भारत ने श्रीलंका को 1.6 अरब डॉलर की सहायता देने का वादा किया है और आज भारत ने रेलवे क्षेत्र को 31.8 करोड़ डॉलर की सहायता देने का वादा किया।
तमिल बहुल उत्तरी प्रांत को अधिक स्वायत्तता देने के लिए हल्का इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि दक्षिण एशिया के सभी देश को हमारे समाज के विभिन्न तबकों के लिए पहचान और समावेशीकरण, अधिकार और दावा, सम्मान और अवसर जैसे मुद्दों से निपटना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दों के कारण कभी-कभी जघन्य आतंकवाद और हिंसा पैदा होती है। लेकिन शांतिपूर्ण समाधान के भी उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा, “हम सभी ने इन मुद्दों का अपने-अपने तरीके से हल किया है।”
मोदी ने कहा, “मेरी नजर में विविधता किसी देश के लिए ताकत का एक स्रोत हो सकता है।”
उन्होंने कहा, “किसी देश में जब समाज के सभी तबकों की आकांक्षाओं को समाहित किया जाता है, तो वह मजबूत होता है।”
उन्होंने कहा, “जब हम राज्यों, जिलों और गांवां को मजबूत करते हैं, तो हमारे देश की ताकत बढ़ती है।” उन्होंने कहा कि सहयोगात्मक संघवाद में उनकी गहरी आस्था है।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका ने सफलता पूर्वक आतंकवाद का सफाया कर दिया है।
उन्होंने कहा, “अब आप ऐतिहासिक अवसर के एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं, जहां आप समाज के सभी तबकों का दिल जीत सकते हैं और घावों को भर सकते हैं।”
उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव का जिक्र किया, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजापक्षे की हार हुई और मैत्रीपाला सिरिसेना सत्ता में आए।
उन्होंने कहा, “यह चुनाव देश की सामूहिक आवाज- बदलाव की उम्मीद, सौहार्द और एकता का संकेतक है।”
उन्होंने कहा, “मैं श्रीलंका के ऐसे भविष्य में विश्वास रखता हूं, जो एकता, शांति और सामंजस्य तथा हरेक के लिए अवसर और सम्मान से तैयार होगा।”
उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि श्रीलंका यह हासिल कर सकता है। यह हमारी साझा विरासत के मूल में है। आगे का रास्ता क्या होगा यह श्रीलंका को तय करना है।”
उन्होंने साथ ही कहा, “भारत के लिए श्रीलंका की एकता सबसे महत्वपूर्ण है।”
मोदी ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता पर जोर दिया और कहा कि भारत निवेश का सहज स्रोत हो सकता है।
उन्होंने कहा कि दोनों देश समुद्री अर्थव्यवस्था का मिलकर लाभ उठा सकते हैं और दक्षिण एशिया में सहयोग में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।