श्रीलंका ने ये कदम उस जांच के सामने आने के बाद उठाया है, जिसमें पता चला है कि भारत को निशाना बनाने वाले जिहादी समूहों द्वारा श्रीलंका को भारत तक पहुंचने के लिए एक रास्ते के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बात की जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई है।
चेन्नई में मई में हुए बम धमाके की साजिश में एक नया खुलासा हुआ है। भारत के खिलाफ आतंकी साजिश की योजना पर काम कर रहे पाकिस्तान के जिहादी समूह श्रीलंका और मालद्वीप को भारत तक पहुंचने के लिए रास्ते के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।
मलेशिया सहित एक बहुराष्ट्रीय जांच में हमले के संदिग्ध शाकिर हुसैन ने इस बात को स्वीकार किया था कि वो रेकी के लिए इस तरह से 20 बार भारत के दौरे पर आया। रिपोर्ट के मुताबिक उसने जांचकर्ताओं को बताया था कि उसने मालद्वीप से उन आतंकवादियों को सुविधा दी थी, जिन्होंने बैंग्लुरू और चेन्नई में अमेरिका और इजरायली दूतावासों पर हमला करने का काम सौंपा गया था।
जांच सूत्रों ने कोलंबो में आंतकियों के मिशन में पाकिस्तानी अधिकारियों ने भागीदारी की ओर भी इशारा किया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के साथ पहली मुलाकात में ये मुद्दा उठाया था, जिसे राजपक्षे ने भारत के लिए गंभीर और संवेदनशील बताया था। माना जा रहा है कि राजपक्ष ने इसके बाद जांच बैठाई, जिसका नतीजा इस प्रतिबंध के रूप में दिख रहा है।