कोलंबो, 3 फरवरी (आईएएनएस)। श्रीलंका की नव निर्वाचित सरकार ने मंगलवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय युद्ध अपराधों की जांच से बचने के लिए एक मजबूत न्यायपालिका की जरूरत है।
कोलंबो, 3 फरवरी (आईएएनएस)। श्रीलंका की नव निर्वाचित सरकार ने मंगलवार को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय युद्ध अपराधों की जांच से बचने के लिए एक मजबूत न्यायपालिका की जरूरत है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, विदेश मंत्री मंगल समरवीरा ने कहा कि सरकार के सामने दुनिया को यह विश्वास दिलाने की जरूरत है कि श्रीलंका की न्यायपालिका सक्षम, स्वतंत्र और पूर्वाग्रह रहित है, जिसे दुनिया के किसी भी हिस्से की बेहतरीन न्यायपालिका के दर्जे का माना जा सकता है।
मंत्री ने कहा, “पिछले वर्ष शुरू हुई एक अंतर्राष्ट्रीय जांच वर्तमान में अब पूर्ण होने के करीब है।”
उन्होंने कहा, “न्यायिक विश्वसनीयता को बहाल करने के लिए ठोस कदम यदि शीघ्र नहीं उठाए गए तो इस जांच के परिणाम स्वरूप श्रीलंका सशस्त्र बल और अन्य नागरिकों को एक अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण के सामने हाजिर होना पड़ सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “विश्वसनीय घरेलू तंत्र स्थापित करने में पूर्व का प्रशासन विफल रहा जिससे हमारी मौजूदा कठिनाई उत्पन्न हुई है।”
मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की चुनौती है कि सभ्य देश के समुदाय में फिर से कदम रखने वालों को अधिकार, विशेषाधिकार और लाभ को प्रभावी रूप से सुनिश्चित कराने में श्रीलंका सक्षम है। यह सुनिश्चित करना कि एक देश के रूप में श्रीलंका आर्थिक प्रतिबंधों, विषमता और दागदार प्रतिष्ठा से नहीं जूझ रहा है।
इसके अलावा विदेश मंत्री ने देश के विवादास्पद प्रधान न्यायाधीश मोहन पीरिस को हटाने के निर्णय का बचाव किया और कहा कि पीरिस ने न्यायिक आचरण के अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पूरी तरह उल्लंघन किया था और इसलिए उनसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का आदर और विश्वास पाने की उम्मीद नहीं की जा सकती।