नई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के पूर्व चेयरमैन ई. श्रीधरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मेट्रो में महिलाओं के मुफ्त सफर संबंधी दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करने का आग्रह किया है।
श्रीधरन ने कहा कि यह फैसला देश में सभी मेट्रो के लिए चिंताजनक उदाहरण बन जाएगा।
उन्होंने कहा, “अगर दिल्ली मेट्रो में महिलाओं मुफ्त यात्रा करने की रियायत दी जाएगी तो इससे देश में सभी मेट्रो के लिए खतरनाक उदाहरण बन जाएगा।”
देश में मेट्रो की शुरुआत में बहुत खास भूमिका निभाने के कारण ‘मेट्रो मैन’ के नाम से भी मशहूर श्रीधरन ने 10 जून को लिखे अपने पत्र में यह भी कहा कि इस प्रकार की रियायत से जल्द ही ‘विद्यार्थी, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक व अन्य वर्गों की ओर से इस तरह की मांग आएगी।’
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का कहना है कि डीएमआरसी को राजस्व घाटे की भरपाई की जाएगी, जोकि महज एक ‘मन बहलाव’ है।
उन्होंने कहा, “आज इसमें शामिल रकम सालाना करीब 1,000 करोड़ रुपये है। मेट्रो नेटवर्क में विस्तार और किराये में बढ़ोतरी से इसमें वृद्धि होगी और आगे दिल्ली में आने वाली सरकार इस अनुदान को चुकाने में समर्थ नहीं होंगी।”
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसी महीने के शुरू में मेट्रो ट्रेनों और डीटीसी बसों में महिलाओं का मुफ्त यात्रा प्रदान करने की घोषणा की थी।
श्रीधरन ने कहा, “दिल्ली मेट्रो भारत सरकार और दिल्ली सरकार का संयुक्त उपक्रम है। एक शेयरधारक समाज के एक वर्ग के लिए और दिल्ली मेट्रो को अक्षमता व दिवालियापन में डालने के लिए एकपक्षीय फैसला नहीं ले सकता है।”
उन्होंने इस तरह की रियायत को ‘बीमारी’ बताया जो देश की अन्य मेट्रो में भी तेजी से फैल जाएगी और जो मेट्रो को सरकारी अनुदान पर निर्भर कर देगी।
उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में दिल्ली मेट्रो का सफर आरंभ होने पर किस प्रकार टिकट खरीदकर कश्मीरी गेट से शाहदरा तक यात्रा की थी।