मुंबई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) सौदों की परिपक्वता के कारण उतार-चढ़ाव देखी जा सकती है। जुलाई महीने के एफएंडओ सौदे गुरुवार 30 जुलाई को परिपक्व होंगे।
मुंबई, 26 जुलाई (आईएएनएस)। देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) सौदों की परिपक्वता के कारण उतार-चढ़ाव देखी जा सकती है। जुलाई महीने के एफएंडओ सौदे गुरुवार 30 जुलाई को परिपक्व होंगे।
अगले सप्ताह निवेशकों की नजर कंपनियों द्वारा पेश किए जाने वाले तिमाही परिणामों, संसद के मानसून सत्र के घटनाक्रमों, मानसून की प्रगति, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल की कीमतों पर भी बनी रहेगी।
मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून) के कारोबारी परिणाम जारी करने का दौर जारी है। अगस्त के दूसरे सप्ताह तक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कंपनियों के परिणाम आते रहेंगे। इस दौरान निवेशक परिणाम के साथ कंपनी प्रबंधन द्वारा की जाने वाली आगामी तिमाहियों की आय की भविष्यवाणी में निवेश के अवसर ढूढें़गे।
सोमवार को अंबुजा सीमेंट और जस्ट डायल, मंगलवार को एचडीएफसी और स्पाइसजेट, बुधवार को यस बैंक, डाबर इंडिया और जेएसडब्ल्यू स्टील, गुरुवार को आईडीएफसी और आईटीसी तथा शुक्रवार को एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक और सुजलॉन एनर्जी अपनी तिमाही परिणामों की घोषणा करेंगी।
राजनीतिक मोर्चे पर संसद के मानसून सत्र की गतिविधियों पर निवेशकों की नजर रहेगी। गत सप्ताह शुरू हुआ मानसून सत्र 13 अगस्त, 2015 तक चलेगा। भ्रष्टाचार के मुद्दे के कारण संसद के प्रथम सप्ताह में सुधार की दिशा में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हो सकी। राज्यसभा की चयन समिति ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट बुधवार 22 जुलाई को सदन के पटल पर रख दी। यह विधेयक लोकसभा में पहले पारित हो चुका है। राज्यसभा में हालांकि सत्ता पक्ष को बहुमत हासिल नहीं है।
आगामी सप्ताह में बाजार की चाल मानसून की प्रगति पर भी निर्भर करेगी। जून-सितंबर के दौरान मानसूनी बारिश देश की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी के समान होती है, क्योंकि देश की खेती मुख्यत: बारिश पर ही निर्भर करती है।
मानसूनी बारिश की स्थिति पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य दरों में कटौती करने या न करने की संभावना निर्भर करती है। रिजर्व बैंक चार अगस्त को अगली मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 23 जुलाई को जारी रपट में कहा है कि देशभर में मानसूनी बारिश दीर्घावधि औसत से सात फीसदी कम रही है। क्षेत्रवार तौर पर पश्चिमोत्तर भारत को छोड़ कर देश के अन्य हिस्सों में भी यह औसत से कम रही है। पश्चिमोत्तर हिस्से में यह हालांकि औसत से छह फीसदी अधिक रही है।
आगामी सप्ताह निवेशकों की निगाह तेल विपणन कंपनियों पर भी रहेगी, जो तेल मूल्यों की समीक्षा करेगी। तेल विपणन कंपनियां हर महीने के मध्य और आखिर में गत दो सप्ताह के आयाति तेल मूल्यों के आधार पर यह समीक्षा करती है। तेल कंपनियां हर महीने के आखिर में गत एक महीने के आयात मूल्य के आधार पर विमान ईंधन मूल्य की भी समीक्षा करती हैं।