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 शुरू हुआ इटारसी का नया आरआरआई सिस्टम | dharmpath.com

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शुरू हुआ इटारसी का नया आरआरआई सिस्टम

July 22, 2015 11:03 pm by: Category: भारत Comments Off on शुरू हुआ इटारसी का नया आरआरआई सिस्टम A+ / A-

itarsiइटारसी-पैंतीस दिन पूर्व 17 जून की सुबह रेलवे जंक्शन के 12 बंगला में स्थापित आरआरआई (रूट रिले इंटरलाकिंग) सिस्टम में आग लग गई, लोगों ने इसे अन्य अग्नि दुर्घटनाओं के तहत सामान्य माना, लेकिन इसका महत्व तब समझ में आया जब पूरे देश में रेल व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई। रेलवे स्टेशन खाली हो गया, सैंकड़ों गाडिय़ां रद्द हो गईं तो दर्जनों के रूट डायवर्ट किए गए। रेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में रेल कर्मचारियों और अधिकारियों की रात-दिन की मेहनत के उपरांत 21 जुलाई की दोपहर 2:50 बजे सिस्टम की पहली ट्रायल ली गई, जो सफल रही। सभी अधिकारियों ने भगवान को धन्यवाद कहा।
बुधवार की सुबह 11 बजे पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक रमेश चंद्रा, डीआरएम आलोक कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने आरआरआई भवन में मंत्रोच्चारण के बीच पूजा अर्चना की और 11:20 बजे महाप्रबंधक ने आरआरआई सिस्टम की बटन दबाकर विधिवत शुभारंभ किया।
कठिन कार्य जो सभी के सहयोग से पूरा हुआ-रमेश चंद्रा
नये आरआरआई सिस्टम के विधिवत शुभारंभ के उपरांत रेलवे के सतपुड़ा भवन में पत्रकारों से रूबरू होते हुए पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक रमेश चंद्रा ने कहा कि यह काफी कठिन काम था। हमने इसे शुरु करने की डेड लाईन भले ही 22 जुलाई तय कर रखी थी और उसी पर हम काम भी कर रहे थे, लेकिन उम्मीद बहुत कम थी। अधिकारियों और कर्मचारियों की जीतोड़ मेहनत और भगवान की आशीर्वाद से हम एक दिन पूर्व ही इस आपरेशन को पूरा करने में सफल रहे। जीएम ने बताया कि इस आपरेशन से जुड़ी टीम ने 48 घंटे पूर्व ही अस्थाई पेनल स्थापित कर गाडिय़ों का संचालन प्रारंभ कर दिया था। इस दुर्घटना से 17 जून से 22 जुलाई तक रेलवे स्टेशन पर कई मेल, एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों को निरस्त करना पड़ा, कई ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित किए गए तो कई ट्रेनों को आंशिक निरस्त किया गया। इटारसी स्टेशन भारतीय रेल के व्यस्ततम स्टेशनों में आता है। जिसमें प्रतिदिन 220 गाडिय़ां आवागमन करती है। जिसमें 40 प्रतिशत गुड्स व मेल एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेने शामिल हैं। यह सिस्टम कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रति 6 मिनिट में एक गाड़ी क्रास होती है।
एक सवाल के जवाब में जीएम ने बताया कि सामान्यत: आरआरआई सिस्टम की आयु 25-30 वर्ष होती है। पुराने सिस्टम की अवधि पूर्ण हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि सिस्टम की सुरक्षा के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है। इसकी निगरानी के लिए सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं, सिस्टम जल जाने से मैनुअल सिस्टम से गाड़ी चलाई गईं, जो रेलवे के लिए कठिन परीक्षा की घड़ी थी। एक सवाल के जवाब में जीएम ने कहा कि अग्नि दुर्घटना के मामले में अभी कुछ भी कहना असंभव है, अभी इस मामले की जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना से 35 दिनों में टिकिट कैंसिल और गाडिय़ां रद्द होने से लगभग 80 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वर्तमान में जो आरआरआई सिस्टम लगाया गया है वह अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। जंक्शन पर आरआरआई के कार्य के दौरान स्टेशन पर भी अनेक निर्माण कार्य कराए गए हैं। प्लेटफार्म की लंबाई बढ़ाई गई है, जिससे अब 24 बोगी की ट्रेने प्लेटफार्म पर लगने लगेगी। उन्होंने इस कार्य में लगे सभी रेल अधिकारियों और कर्मचारियों को अवार्ड देने की भी बात कही। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा एसएस आफिस के पीछे के ट्रेक को थू्र गाडिय़ों के लिए रिजर्व किया गया है, अब थू्र गाडिय़ां प्लेटफार्म पर नहीं आएंगी। उन्होंने बताया कि देश के सभी रेलवे स्टेशनों को सूचित कर दिया गया है, एक-दो दिन में यातायात पूर्णत: सामान्य हो जाएगा। इस दौरान डीआरएम आलोक कुमार, चीफ सिंग्नल एवं टेलीकाम इंजीनियर एसपी त्रिवेदी, शैलेष खंडेलवाल सहित इस आपरेशन से जुड़े अन्य रेल अधिकारी उपस्थित थे।
ऐतिहासिक रहा आपरेशन
आरआरआई का यह आपरेशन कई मामलों में एतिहासिक एवं महत्वपूर्ण रहा। सामान्यत: यह सिस्टम लगाने में 6 माह का समय लगता है, जो 34 दिन में पूर्ण कर शुरु किया गया। नये सिस्टम में अनेक खूबियां है। इससे टे्रेनों की परिचालन की क्षमता भी बढ़ गई है। इसके साथ ही रेलवे जंक्शन की अनेक समस्याओं का समाधान भी हुआ है। 111 एक्सल काउंटर से युक्त है नया सिस्टम। इससे सेक्शन एरिये में रेक पर मौजूद हर गाड़ी की उपस्थिति की सही-सही जानकारी सेंट्रल केबिन पर रहेगी, जिससे दुर्घनाओं की संभावना कम होगी।
34 दिन में हुए यह कार्य
1. कार्य की लागत 19.64
2. रूट की संख्या 583
3. केबल की लंबाई 700 किलोमीटर से अधिक
4. रिलेस की संख्या 9000 नंबर से अधिक
5. रिलेस रेक की संख्या 125
6. मोटर पाइंट की संख्या 108
7. मुख्य सिगनलों की संख्या 42
8. शंट सिगनलों की संख्या 36
9. एक्सल काउंटर की संख्या 89
10. डीसी ट्रेक सर्किट 32
11. जंपर केबल की लंबाई 550 किलोमीटर
12. डाटा लॉगर 01(4096 ष्ठ/ढ्ढ) 64/ञ्ज
13. डीजी (40 केवी) 02 नंबर
14. आईपीएस इंटीग्रेटेड 02
15. फायर अलार्म कंट्रोलपैनल 01

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