पणजी, 24 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस प्रवक्ता सुनील कवथनकर ने रविवार को यहां कहा कि मनोहर पर्रिकर के पार्थिव शरीर को जिस स्थान पर आमजन के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, उस स्थान का कथित तौर पर शुद्धिकरण, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आएसएस) के अंधविश्वास की विचारधारा का नतीजा है, जिसका भाजपा सरकार समर्थन कर रही है।
उन्होंने कहा कि शुद्धिकरण विवाद से सरकारी कार्यालयों व सरकारी कार्यक्रमों में धार्मिक अनुष्ठानों व परंपराओं के प्रदर्शन को लेकर भानुमति का पिटारा खुल गया है। उन्होंने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर एक व्यापक नीति लाने की मांग की।
कवथनकर ने आईएएनएस से कहा, “शुद्धिकरण समारोह उसी आरएसएस की मानसिकता का परिणाम है, जिसका देश में शासन है, जो अंधविश्वास को बढ़ावा दे रही है। कला अकादमी में बीते रोज की घटना उसी विचारधारा का परिणाम है।”
कवथनकर की यह टिप्पणी गोवा कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद गौड़े द्वारा सरकारी कला अकादमी के कर्मचारियों द्वारा हिंदू पुजारियों से कथित तौर पर शनिवार को शुद्धिकरण समारोह कराए जाने के बाद इसकी जांच के आदेश देने के बाद आई है। यह शुद्धिकरण 18 मार्च को जहां मनोहर पर्रिकर का पार्थिव शरीर जनता के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, उस स्थान का कराया गया।
पर्रिकर का पैंक्रियाटिक कैंसर की बामारी से 17 मार्च को निधन हो गया।
इस समारोह का एक वीडियो व तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद गौड़े ने कहा, “मैंने आज कला अकादमी परिसर में अनुष्ठान की कुछ गतिविधियों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। मैंने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। हम सरकारी इमारतों के अंदर अवैज्ञानिक गतिविधियों को बढ़ावा या संरक्षण नहीं दे सकते।”
कवथनकर ने कहा कि इस घटना से सरकारी कार्यालयों में नियमित तौर पर धार्मिक अनुष्ठानों व प्रथाओं का पिटारा खुलने की संभावना है।
राज्य के पुलिस थानों व सरकारी कार्यालयों में भगवान गणेश की प्रतिमा लगाने या क्रिसमस के दौरान यीशु मसीह के जन्म के दृश्यों का चित्रण गोवा में आम है।
कवथनकर ने कहा कि सरकार को राज्य समर्थित धार्मिक प्रथाओं के मुद्दे से निपटने के लिए व्यापक नीति लानी चाहिए।