भोपाल(प्रदेश संवाददाता )—- मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री आज कल पत्रकारों से कुछ नहीं बोल रहे हैं,जिन्होंने प्रदेश कि जनता को आश्वस्त किया हो कि उनकी तरफ देखें और वोट दें बाकी किसी कि तरफ नहीं देखना है वे ही जनता के लिए इस जरूरी और कठिन समय में कुछ भी सन्देश देने को तैयार नहीं हैं,यदि भैया को पत्रकार कहीं ढूंढ भी लेते हैं तो भैया तेजी से आगे चले जाते हैं बिना पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर दिए हुए आखिर क्या ऐसा है की शिवराज कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
कुछ ही क्षत्रप हैं बोलने के लिए
बयान देने के लिए मात्र प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ही बचे हैं ये अपनी सहजता और सरलता से पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हैं,प्रवक्ता सब नाराज हैं सिसोदिया जी कार्यालय में बाबूगिरी करके थक गए और रिजल्ट निकलने के बाद घर कि चौखट थाम ली,प्रवक्ता तो रामेश्वर शर्मा भी थे लेकिन उन्होंने कभी जिम्मेदारी नहीं निभाई वे उड़े और दिल्ली से विधानसभा टिकट ले आये यहाँ मेहनत करने वाले मुंह ताकते रह गए,कार्यालय में राकेश शर्मा ही एक ऐसे हैं जो अभी भी प्रवक्ता,मीडिया-प्रभारी एवं कार्यालय रक्षक का पद बखूबी सम्भाले हुए हैं यदा- कदा जब भाजपा मुख्यालय पर अपनों का हमला होता है तब राकेश शर्मा पुलिस कि भूमिका में नजर आते हैं,अभी हाल में हुए ध्रुव समर्थकों के हमले में ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा-गार्ड और शासकीय बंदूकधारी पोलिसकर्मी छुप गए लेकिन राकेश शर्मा गर्मा-गर्म सम्बोधनों के साथ मैदान में आ गए और हमलावरों को भागना पड़ा।
प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं को गलत जानकारी दी जाती है
जब हमला हुआ तब हमलावर जो कैमरे में कैद हो गए और पहचाने गए की वे ध्रुवनारायण के समर्थक भाजपा कार्यकर्ता हैं,लेकिन वहाँ मौजूद कार्यालय मंत्री आलोक संजर एवं अन्य मीडिआ प्रभारियों ने गलत जानकारी दी कि कांग्रेस के भेजे आदमी थे तथा यही बयान जावड़ेकर और नरेंद्र सिंह तोमर दे गए जिसकी सच्चाई उन्हें मालूम ही नहीं थी और वे अपने कार्यालय कर्ताओं पर भरोसा कर गए बाद में सच्चाई मालूम होने पर तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए गए।
विधानसभा उमीदवारों को शिवराज ने दिए हैं नकली चेहरा ओढ़ने के निर्देश
उम्मीदवारों कि बैठक में शिवराज सिंह ने कहा था की क्या किया,क्या हुआ सब भूल जाओ सिर्फ चेहरे पर मुस्कराहट ला कर उनके सामने जाओ मतलब अच्छे बनो मत सिर्फ एक्टिंग करो ताकि तीसरी बार यदि सत्ता हासिल शिवराज के नेतृत्व में हो जाए तो असलियत सामने ले आओ क्योंकि 5 साल फिर कौन क्या कर लेगा।
कार्य से नहीं प्रबंधन से चुनाव जीतने कि उम्मीद
जो कार्य कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने किया था और सफाया कर लिया उसी फॉर्मूले पर शिवराज भरोसा किये हुए हैं मतलब चुनाव प्रबंधन जो कि मानवता के लिए नहीं मात्र सत्ता के लिए होता है।
डैमेज कण्ट्रोल के लिए भाजपा में रामलाल तथा कांग्रेस में हरीश रावत आयेंगे
विधानसभा टिकट वितरण से उपजे अंतर्विरोध से निबटने के लिए दोनों दलों ने सिपहसालार नियुक्त किये हैं,और इनके ऊपर जिम्मेदारी है विरोध को दबाने कि तथा जल्दी ही ये दोनों अपने कार्य पर आने वाले हैं।
दरअसल जिन्हे चुनाव प्रबन्धन कि जिम्मेदारी सौंपी गयी है उन्होंने सिर्फ नुकसान ही किया है,उनके द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रम विफल हुए हैं और गौरमतलब यह रहा की इससे जुड़े लोगों ने खूब पैसे बनाये हैं,चुनाव परिणाम आने के बाद के घमासान और भयंकर होंगे।जो आज दिनांक तक हुआ वह आपके सामने है आगे का इन्तजार करिये हम आपको अंदर कि खबर सटीक रूप से देते रहेंगे।