(धर्मपथ)- पूर्व जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी की योजना का दिन लोकसभा चुनावों के पूर्व ही तय था.शिवराज को यह यकीन दिला दिया गया था की उनका या उनकी पत्नी का कोई भी हाथ इस मामले में सिद्ध नहीं होता है,शिवराज ने तय किया था की चुनावों के बाद इस मामले में किसी भी गिरफ्तारी को नहीं रोका जायेगा.
लक्ष्मीकांत शर्मा से सहज संबंद्ध बना रखे थे
शिवराज चुनावों के दौरान भी लक्ष्मीकांत के गृहनगर के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे,लक्ष्मीकांत शर्मा के विधायक या मंत्री ना होते हुए भी शर्मा बंगले पर अपना कब्जा बनाये रखे,किस हैसियत से वे बंगले को कब्जे में किये थे यह कोई भी बताने को तैयार नहीं.सूत्रों ने बताया की शर्मा को भ्रमित करने का यह भी एक प्लान था.शर्मा को यह यकीन हो गया था की उन्हे अब कोई नहीं छेड़ेगा.जब शर्मा की गिरफ्तारी हुई तब शर्मा ने अपने सभी संबंद्धों से बात की लेकिन उनका साथ किसी ने नहीं दिया.
यह मामला बन सकता है मध्यप्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़
शर्मा की गिरफ्तारी मप्र की राजनीति को एक नयी दिशा दे सकती है ,सूत्रों की मानें तो इसकी रूपरेखा तैयार है और जिस तरह की सूचनाएं मिल रही थीं उसी के अनुसार अभी तक हुआ है,अब बस आयेज के धमाकों का इंतजार है,हाँ विपक्ष को जरूर शिवराज ने मुद्दा दे दिया है.