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 शिवराज भी फंसे पर्ची मामले में-माखनलाल युनिवर्सिटी का मामला | dharmpath.com

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शिवराज भी फंसे पर्ची मामले में-माखनलाल युनिवर्सिटी का मामला

August 10, 2015 10:16 pm by: Category: भारत Comments Off on शिवराज भी फंसे पर्ची मामले में-माखनलाल युनिवर्सिटी का मामला A+ / A-

Madhya Pradesh CM Shiraj Singh Chauhanभोपाल-मध्य प्रदेश में जब जिसकी सरकार रही है, उसने अपनों को फायदा पहुंचाकर नौकरियां बांटने में कभी कोताही नहीं की है। बात चाहे दिग्विजय सिंह के कार्यकाल की हो या मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल की, पर्चियों (नोटशीट्स) पर नियुक्ति का फरमान जारी करने में कोई किसी से कम नहीं है। दिग्विजय की नियुक्ति संबंधी पर्चियां दिखाए जाने के बाद अब शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों वाली पर्चियां भी सामने आई हैं।

ताजा मामला भोपाल स्थित माखनलाल चुतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार यूनिवर्सिटी का है। यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों की सिफारिश वाली मुख्यमंत्री शिवराज की लिखी तीन पर्चियां आईएएनएस के हाथ लगी हैं। मुख्यमंत्री की लिखी की पर्चियां जनसंपर्क विभाग के सचिव के जरिए कुलपति (वाइस चांसलर) तक पहुंची और उन्होंने नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए। शिवराज की लिखी पर्चियों में कहा गया है, ‘संबंधित व्यक्ति की नियुक्ति तय समय-सीमा के लिए संविदा आधार पर वरिष्ठ प्राध्यापक के पद पर कर दी जाए।’

मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन करते हुए कुलपति बी. के. कुठियाला ने संबंधित व्यक्तियों की नियुक्ति के आदेश दे दिए। पर्चियों पर ये नियुक्तियां अक्टूबर, 2010 में की गईं। सूचनाधिकार कार्यकर्ता पूर्णेंदु शुक्ल ने इन आदेशों की प्रतियों के आधार पर आईएएनएस से कहा, ‘इन आदेशों से पता चलता है कि सीनियर प्रफेसर के पद पर नियुक्तियों के लिए कौन सा तरीका अपनाया गया  शुक्ल ने आगे कहा कि पर्चियों पर नियुक्ति संबंधी जानकारी विभिन्न लोगों ने सूचनाधिकार के तहत आरटीआई दायर कर हासिल की है। उन्होंने नियुक्ति की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये नियुक्तियां कितनी जल्दबाजी में हुई हैं, इसका पता इस बात से ही चल जाता है कि मुख्यमंत्री द्वारा पर्ची लिखे जाने से लेकर नियुक्ति के आदेश जारी होने तक की प्रक्रिया ‘एक ही दिन में’ पूरी कर ली गई।
माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों की पर्चियां सामने आने के मसले की पुष्टि के लिए जब कुलपति कुठियाला से संपर्क किया तो उन्होंने कहा, ‘मैं इस समय मध्य प्रदेश से बाहर हरियाणा में हूं, नोटशीट जब तक फिर से नहीं देख लेता, तब तक मैं कुछ कह नहीं सकता। हां, इतना जरूर है कि इस तरह की नोटशीट्स आई थीं, लेकिन उन पर कोई नियुक्ति नहीं की गई।’

जानकार सूत्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी की महापरिषद (सीनेट) का अध्यक्ष मुख्यमंत्री ही होता है, मगर वह किसी की नियुक्ति नहीं कर सकता। वह सिर्फ महापरिषद की बैठक की अध्यक्षता करता है। यूनिवर्सिटी में नियुक्ति का अधिकार तो चांसलर यानी राज्यपाल के पास होता है। अभी हाल ही में दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में सब इंजिनियर के पद पर अरुण तिवारी की नियुक्ति को हाई कोर्ट ने अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया था और तमाम नियुक्तियों की जांच के आदेश दिए थे।

इसके बाद बीजेपी ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खेालते हुए 16 ऐसी पर्चियों का खुलासा किया था, जिनमें तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नियुक्ति के आदेश दिए थे। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री शिवराज ने एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में तो सिगरेट की पर्ची तक पर नियुक्ति होती थी। उनके इस आरोप का खंडन करते हुए दिग्विजय ने कहा था कि उनके कार्यकाल में नियुक्तियां नियमों के मुताबिक और मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की सहमति से की गई थी और किसी से पैसा नहीं लिया गया था।

शिवराज भी फंसे पर्ची मामले में-माखनलाल युनिवर्सिटी का मामला Reviewed by on . भोपाल-मध्य प्रदेश में जब जिसकी सरकार रही है, उसने अपनों को फायदा पहुंचाकर नौकरियां बांटने में कभी कोताही नहीं की है। बात चाहे दिग्विजय सिंह के कार्यकाल की हो या भोपाल-मध्य प्रदेश में जब जिसकी सरकार रही है, उसने अपनों को फायदा पहुंचाकर नौकरियां बांटने में कभी कोताही नहीं की है। बात चाहे दिग्विजय सिंह के कार्यकाल की हो या Rating: 0
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