भोपाल, 13 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण यादव का आरोप है कि मुख्यमंत्री की रिश्तेदार का डीमेट के जरिए भोपाल के एक निजी चिकित्सा महाविद्यालय में दाखिला हुआ है।
यादव ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के महाघोटाले ने प्रदेश को पूरे देश में शर्मसार किया है। इसमें मुख्यमंत्री और उनके परिजनों की सहभागिता रही है। वहीं दूसरी ओर डीमेट के माध्यम से हर वर्ष डाक्टर की हजारों फर्जी डिग्रियां बिकती रहीं। इसी उपक्रम में फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए निजी मेडिकल कालेजों में पीएमटी के माध्यम से होने वाले दाखिले में भी जमकर धांधली की गई है।
कांग्रेस का आरोप है कि इस खरीद-फरोख्त में प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों, न्यायपालिका, प्रशासन और पुलिस के आला अफसर भी शामिल हैं, जिन्होंने लाखों रुपये खर्च कर डीमेट के जरिये अपने अयोग्य पुत्र-पुत्रियों को पात्र छात्र-छात्राओं के वाजिब अधिकार से वंचित किया गया है।
यादव का आरोप है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह की जबलपुर निवासी सगी छोटी बहन की बेटी का वर्ष 2012 में एमबीबीएस में चयन चिरायु मेडिकल कॉलेज में हुआ था। इसी तरह आईएएस अधिकारी रेणु पंत की बेटी, सुहेल अख्तर के पुत्र, आईपीएस महेंद्रसिंह सिकरवार की बेटी, मनोज सिंह की बेटी, धर्मेद्र चौधरी की बेटी, राजेश हिंगणेकर की बेटी को निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में दाखिला हुआ है। कांग्रेस ने कई न्यायाधीशों पर भी आरोप लगाए हैं।
कांग्रेस के इन आरोपों पर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. हितेश वाजपेयी ने आईएएनएस से चर्चा करते हुए कहा कि जब भी कोई पीड़ित की लड़ाई लड़ता है तो दो हजार रुपये प्रति प्लेट का पत्रकारों को भोज नहीं देता। जहां तक आरोप की बात है, उसमें नया कुछ नहीं है। कांग्रेस ने न्यायाधीशों पर आरोप लगाकर न्याय पालिका को दवाब में लेने की कोशिश की है।