अक्रा (घाना), 14 जून (आईएएनएस)। पश्चिम अफ्रीकी देश घाना अपना गिरता शिक्षा स्तर सुधारने के लिए भरसक कोशिश कर रहा है। इस क्रम में भारत हर साल इसके असंते अकीम जिले के शहर पैटरींसाह के दो स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देगा।
अक्रा (घाना), 14 जून (आईएएनएस)। पश्चिम अफ्रीकी देश घाना अपना गिरता शिक्षा स्तर सुधारने के लिए भरसक कोशिश कर रहा है। इस क्रम में भारत हर साल इसके असंते अकीम जिले के शहर पैटरींसाह के दो स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देगा।
घाना में भारतीय उच्चायुक्त के. जीवसागर ने हर साल पैटरींसाह से 10 आवेदनों पर विचार करने का वादा किया।
उन्होंने कहा, “हमने घाना निवासी विभिन्न पेशों से जुड़े 250 लोगों को विभिन्न प्रशिक्षण एवं कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए भारत भेजा है।”
जीवसागर ने आईएएनएस को बताया कि यह फैसला पैटरींसाह का गिरता शिक्षा स्तर सुधारने में मदद करने को एक संस्थान बनाने के लिए शहर के प्रमुख जनों एवं लोगों द्वारा लिया गया है।
पैटरींसाह की आबादी आठ हजार है। शहर के मुखिया नाना ओसे दरख्वा ने उच्च ड्रॉपआउट (स्कूल बीच में छोड़ना) दर का सामना करने के लिए नाना ओसे दनख्वा एजुकेशन फाउंडेशन (ओडीईएफ) नामक संस्थान शुरू किया। उन्होंने शुरुआत अपर्याप्त बुनियादी शिक्षण सामग्री और लचर शैक्षिक बुनियादी सुविधा के साथ की।
इस कदम से खुश जीवसागर ने कहा कि लोगों की शिक्षा को सुधारने की पहल उनको सुधार, सम्मान और आत्मविश्वास देगी।
उन्होंने कहा, “भारत के संस्थापक जनकों ने शिक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास पर बहुत जोर दिया है।”
जीवसागर ने कहा कि यह प्रशिक्षण टोकरी बनाने, बुनाई और लकड़ी के काम में प्रतिभा को निखारने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, “हम विभिन्न संसाधनों के मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) में भी मदद कर पाएंगे, अगर पैटरींसाह उन्हें पहचान और भारतीय निवेशकों के समक्ष पेश कर सका।”
जीवसागर ने कहा, “भारत और घाना जैसे विकासशील देशों के लिए लघु और मध्यम उद्यम तथा कृषि, आर्थिक सहयोग की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ क्षेत्र हैं।”
उच्चायुक्त के अनुसार, नैतिक मूल्यों के बिना शिक्षा का कोई अर्थ नहीं है। शिक्षा शिक्षक एवं शिक्षाविद् देते हैं और नैतिक मूल्य समुदाय को देने चाहिए। उन्होंने पैटरींसाह के लोगों को ऐसा करने के लिए बधाई दी।