जयदीप सरीन
जयदीप सरीन
चंडीगढ़, 16 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह की अमृतसर में प्रस्तावित रैली से पहले ही राज्य में वाद-विदाद का दौर शुरू हो गया है। अमित शाह पंजाब में मादक पदार्थो के खिलाफ अभियान आरंभ करने के लिए रैली करने जा रहे हैं और इससे न केवल अकाली दल-भाजपा गठबंधन में खटास पैदा कर रही है, बल्कि कांग्रेस के भीतर भी खलबली मचा रही है।
इसी महीने दो बार रैली स्थगित की जा चुकी है। पहले यह 12 जनवरी को प्रस्तावित थी, बाद में तारीख 22 जनवरी तय की गई। लेकिन, दिल्ली विधानसभा चु़नाव की घोषणा के कारण इस तारीख को एक बार फिर आगे बढ़ाया जा रहा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव सात फरवरी को होना है और इसे देखते हुए रैली भी फरवरी माह में ही आयोजित की जा सकती है।
पंजाब भाजपा नेतृत्व की इस घोषणा पर कि शाह की रैली में मादक पदार्थ विरोधी अभियान की घोषणा की जा सकती है, अकाली दल नाखुश हो गया। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा ने यह संदेश दिया और अकालियों ने उसे ऐसा समझ लिया कि मादक पदार्थो की समस्या का दोष अकाली दल सरकार और उसके नेताओं पर मढ़ा जाएगा।
यह सब पंजाब के राजस्व मंत्री और राज्य के उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल के साले बिक्रम सिंह मजीठिया को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद हो रहा है। मजीठिया को काला धन सफेद करने वाले गिरोह के संबंध में बुलाया गया था। पंजाब पुलिस द्वारा 2013 में उजागर किए गए 6,000 करोड़ रुपये के अंतर्राष्ट्रीय कृत्रिम ड्रग रैकेट में अनिवासी भारतीयों की संलिप्तता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।