कोलकाता, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को एक स्थानीय अदालत ने करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले में शनिवार को जमानत दे दी।
कोलकाता, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री मदन मित्रा को एक स्थानीय अदालत ने करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले में शनिवार को जमानत दे दी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले वर्ष 12 दिसंबर को तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मित्रा को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में मित्रा के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात सहित कई आरोप लगाए हैं।
सीबीआई की विशेष अदालत ने मित्रा (62) को दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।
अदालत ने मित्रा को अपना पासपोर्ट जमा करने और राज्य से बाहर न जाने का निर्देश भी दिया। उन्हें यह निर्देश भी दिया गया है कि जब भी जांच एजेंसी जांच के संबंध में उन्हें बुलाए, उन्हें उसके समक्ष उपस्थित होना होगा।
मित्रा पिछले लगभग 11 महीने से जेल में थे। उनकी जमानत याचिका इस दौरान कई बार खारिज की जा चुकी थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
कांग्रेस नेता और विख्यात वकील कपिल सिब्बल भी इसके पहले उनकी जमानत के लिए एक अदालत में उनकी तरफ से पेश हुए थे, लेकिन वह भी असफल रहे थे।
केस डायरी उपलब्ध न होने का जिक्र करते हुए सीबीआई के वकील ने सुनवाई टालने का अदालत से आग्रह किया, लेकिन अदालत ने इस आग्रह को ठुकरा दिया।
मित्रा के वकील ने जमानत पर जोर देते हुए कहा कि सीबीआई मंत्री के खिलाफ अपने आरोप पुष्ट करने में विफल रही है।
मित्रा के वकील अशोक मुखर्जी ने कहा, “एक भी निवेशक ने उनके खिलाफ गवाही नहीं दी है। सीबीआई उनकी जमानत का विरोध करती रही लेकिन मामले में उनकी संलिप्तता के बारे में कोई भी सबूत वह पेश नहीं कर सकी है।”
मित्रा को जमानत मिलने की खबर जैसे ही बाहर आई, तृणमूल समर्थक और परिवार के सदस्य सरकार द्वारा संचालित एसएसकेएम अस्पताल पहुंच गए, जहां मित्रा का इलाज चल रहा है।