तेल अवीव, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। हजारों इजरायली नागरिकों ने फिलिस्तीन के साथ शांति वार्ता शुरू करने के लिए यहां शांति जुलूस निकाला। बीते एक महीने में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तेजी से भड़की हिसा को खत्म कराने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कोशिशों के बीच यह मार्च निकाला गया है।
तेल अवीव, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। हजारों इजरायली नागरिकों ने फिलिस्तीन के साथ शांति वार्ता शुरू करने के लिए यहां शांति जुलूस निकाला। बीते एक महीने में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तेजी से भड़की हिसा को खत्म कराने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कोशिशों के बीच यह मार्च निकाला गया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक जुलूस शनिवार रात तेल अवीव के राबिन चौक से निकला और हाकिरया परिसर स्थित रक्षा मंत्रालय तक गया।
जुलूस का आयोजन वामपंथी संगठन पीस नाऊ ने किया था। संगठन के मुताबिक इसमें 6 हजार लोगों ने हिस्सा लिया।
जुलूस में प्रदर्शनकारी “दुश्मन बनने से इनकार करते हैं यहूदी और अरब” और “दो लोगों के लिए दो राष्ट्र-इजरायल और फिलिस्तीन” के नारे लगा रहे थे।
आयोजकों ने एक बयान में कहा, “यह कठिन समय, हिंसा, भय और दुख भरे दिन, सिर्फ हमारी इस समझ को मजबूत कर रहे हैं कि वास्तिवक सुरक्षा तब तक मुमकिन नहीं है जब तक कि वार्ता के जरिए शांति तक नहीं पहुंच जाया जाएगा।”
पीस नाऊ के अध्यक्ष यारिव ओपेनहाईमर ने हालिया तनाव के लिए सरकार और अति राष्ट्रवादी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा, “इन्होंने एक पूरे देश को बिना वजह के धार्मिक युद्ध का बंधक बना दिया, और हम सब इसकी कीमत चुका रहे हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि इजरायल की मौजूदा सरकार ने देश को एक “हिंसक, नस्लभेदी और आशाविहीन” जगह में बदल दिया है।
हाल के दिनों में हिंसा में फिलिस्तीनियों द्वारा रोज हमले और इजरायली सुरक्षाकर्मियों और फिलिस्तीन के युवा प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प की घटनाएं हो रही हैं।
हिंसा में अब तक 10 इजरायलियों और 54 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है।
हिंसा के ताजा दौर की शुरुआत इजरायल के धुर दक्षिणपंथी धार्मिक नेताओं के अल अक्सा मस्जिद के लगातार दौरों के बाद हुई। इससे फिलिस्तीनियों में यह आशंका पैदा हुई कि इजरायल मस्जिद को हड़पने की फिराक में है।
माहौल को शांत करने की कोशिश में अमेरिका के विदेश मंत्री जान केरी ने शनिवार को कहा कि इजरायल का कहना है कि वह मस्जिद के संबंध में यथास्थिति को बनाए हुए है। इसे साबित करने के लिए वह मस्जिद परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए तैयार है।