इस परियोजना से जुड़े मार्को सिमिओनी ने कहा कि हर साल समुद्र में लाखों टन प्लास्टिक कचरा बहाया जाता है। लोगों को पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
शोधकर्ता एक जहाज से यहां पहुंचे हैं, जो 21 मीटर लंबी और 17 मीटर चौड़ी है। यह 15 मार्च को फ्रांस से रवाना हुआ था। इसका उद्देश्य उन पांच स्थानों पर ध्यान केंद्रित करना है, जहां बड़ी मात्रा में कचरा प्रवाहित किए जाते हैं।
समुद्र से नमूने एकत्र कर आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले ये शोधकर्ता शंघाई में सेमिनारों के जरिये लोगों में समुद्री सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाएंगे।