नई दिल्ली, 15 सितम्बर – सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को गैर सरकारी संगठन सीपीआईएल को आदेश दिया कि उस व्हिसलब्लोअर की पहचान न्यायालय को जाहिर की जाए, जिसने 2जी मामले की जांच और मुकदमे में सीबीआई निदेशक के कथित हस्तक्षेप पर जानकारी दी थी और सीबीआई निदेशक के आधिकारिक आवास का दौरा करने वाले आरोपियों की भी जानकारी दी थी। सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, “हम उस व्यक्ति की प्रामाणिकता जानना चाहते हैं, जिसने जानकारी मुहैया कराई है।”
न्यायालय ने कहा कि वह उपलब्ध कराई गई जानकारी की भी प्रामाणिकता जांचना चाहता है।
पीठ ने कहा कि सीबीआई निदेशक के हस्तक्षेप और इस आचरण की विशेष जांच दल से जांच (एसआईटी) कराने की मांग संबंधित एनजीओ का हलफनामा सर्वोच्च न्यायालय के नियमों के विरुद्ध है। नियमानुसार उस व्यक्ति के नाम का खुलासा करना आवश्यक है, जिसके द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के आधार पर हलफनामा दायर किया गया है।
न्यायालय ने कहा कि व्हिसलब्लोअर की पहचान का खुलासा सीलबंद लिफाफे में किया जाएगा, जिसे सिर्फ न्यायाधीश खोलेंगे।
न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 22 सितंबर की तिथि तय की है।