रायपुर/कबीरधाम, 6 अक्टूबर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ की पुलिस के जवान सिर्फ नक्सलियों से लोहा लेना और अपराधियों की मुश्कें कसना ही नहीं जानते, बल्कि जरूरत पड़ने पर अपने साथियों की मदद करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते। जब भी इनके किसी सहयोगी के साथ कोई घटना घटती है, उसकी मदद को कबीरधाम पुलिस परिवार तत्काल सामने आता है। ये पूरा परिवार व्हाट्सएप पर चलता है।
रायपुर/कबीरधाम, 6 अक्टूबर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ की पुलिस के जवान सिर्फ नक्सलियों से लोहा लेना और अपराधियों की मुश्कें कसना ही नहीं जानते, बल्कि जरूरत पड़ने पर अपने साथियों की मदद करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते। जब भी इनके किसी सहयोगी के साथ कोई घटना घटती है, उसकी मदद को कबीरधाम पुलिस परिवार तत्काल सामने आता है। ये पूरा परिवार व्हाट्सएप पर चलता है।
इस परिवार में कुल एक हजार से ज्यादा जवान हैं, जो अपनी-अपनी सामथ्र्य के हिसाब से पैसे जोड़कर इकठ्ठा करते हैं और फिर उसको जरूरतमंद सहयोगी के परिजनों तक पहुंचा दिया जाता है।
परिवार के सदस्य आरक्षक लवलेश परिहार ने कहा, “इस समूह का नाम पुलिस परिवार दिया गया है। इसे व्हाट्सएप पर संचालित किया जा रहा है। यह समूह आकस्मिक-प्राकृतिक रूप से निधन हो जाने पर आपस में सहयोग राशि एकत्र करके मृतक के परिवार को सहयोग कर रहा है। साथ ही अपने साथी जवान या उनके परिवार में स्वास्थ्य संबधी कोई परेशानी होने पर आपस में आर्थिक रूप से भी पीड़ित परिवार का सहयोग कर रहा है।”
लवलेश ने कहा, “इस समूह ने 5 मार्च, 2015 को चिल्फी थाना में पदस्थ आरक्षक नीलकमल चंद्रवंशी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर सभी 85,251 रुपये इकठ्ठा कर शोकाकुल परिवार की मदद की थी। इसके बाद आरक्षक जगतु भुआर्य, आरक्षक विश्वनाथ राजपूत, आरक्षक छन्नू साहू, प्रतीक बघेल, सुरेश ठाकुर, आरक्षक मनीष यादव, प्रधान आरक्षक खगेश बंजारा, प्रधान आरक्षक परमानंद डहरिया एवं सहायक उपनिरीक्षक रेणु वैष्णव के निधन होने और प्रधान आरक्षक रामहू राम का स्वास्थ्य बिगड़ने पर आर्थिक मदद कर सहायता की थी।”
उन्होंने कहा कि पुलिस परिवार कबीरधाम के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों ने मिलकर अब तक सात आरक्षक, तीन प्रधान आरक्षक और एक सहायक उपनिरीक्षक के लिए कुल आठ लाख 76 हजार रुपये की राशि का सहयोग कर चुके हैं।
यह पहल छत्तीसगढ़ पुलिस के आपसी सौहार्द समरसता और आपसी भाईचारे को प्रदर्शित करता है, जो कि बहुत सराहनीय और अनुकरणीय पहल है। अभी तक ऐसे कार्य को सफल बनाने में आरक्षक से निरीक्षक स्तर तक के सभी जवान सहयोग दे रहे हैं।