नई दिल्ली, 15 नवंबर (आईएएनएस)। नागालैंड, असम और मणिपुर जैसे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के प्रदर्शकों को उम्मीद है कि वे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) के 35वें संस्करण में अपने क्षेत्र के बारे में जागरूकता फैला पाएंगे और अपने व्यापार का प्रसार कर पाएंगे।
मक्के या मशरूम से बने सूखे फूलों से लेकर चाय और पांरपरिक परिधानों तक, पूर्वोत्तर राज्यों के स्टालों पर बहुत कुछ मिल रहा है।
नगालैंड से आए फूलों के डिजाइनर एरेन जमीर ने आईएएनएस से कहा, “मैं यहां पहली बार आया हूं। दिल्ली में सूखे फूल बेहद प्रचलित हैं, इसलिए मेरे दोस्तों ने मुझे मेले में भाग लेने को कहा।”
नगालैंड के स्टॉल में करघा उत्पाद, शॉल, बैग, जैकेट और मोबाइल फोन के पाउच भी उपलब्ध हैं।
नगालैंड के एक बुनकर असेजो खन्यो ने कहा, “नगालैंड में भी मेले और प्रदर्शनियां होती हैं, लेकिन हम यहां नए ग्राहक खोजने और अपने उत्पादों के प्रचार के लिए आए हैं।”
असम से आए एक प्रदर्शक को व्यापार के दिनों (18 नवम्बर तक) में अधिक लाभ की उम्मीद है।
चाय कंपनी जेएम एंटरप्राइज के विक्रेता कमल ढेका ने कहा, “मैं चाहता हूं कि आम लोग भी मेरे स्टॉल से अधिक से अधिक खरीदारी करें, लेकिन व्यापार के दिन खासतौर पर महत्वपूर्ण हैं। देश के अन्य हिस्सों और विदेशों से कई व्यवसायी आए हैं। मुझे उनके साथ भी व्यापार की उम्मीद है।”
असम के स्टॉल पर एरी और मूंगा सिल्क के उत्पाद, घर की सजावट के लिए स्रिटोनेला का पौधा, गन्ने से बने हस्तनिर्मित कागज आदि कई चीजें उपलब्ध हैं।
मणिपुर के स्टॉल पर पारंपरिक परिधानों के साथ ही कई हथकरघा उत्पाद भी उपलब्ध हैं, जिनमें मूंगा सिल्क, कुर्ते, दुपट्टे, जैकेट आदि शामिल हैं।
मणिपुर से आए एस. चाओतोम्बी ने कहा, “दिल्ली में काफी मणिपुरी महिलाएं हैं और त्योहारों के मौसम को देखते हुए हमने ये सभी उत्पाद लाने के बारे में सोचा।”
त्रिपुरा के स्टॉल पर अधिकांश बेंत के फर्नीचर हैं। मेले के प्रथम दिन ही काफी ग्राहकों ने इनमें रुचि दिखाई।
ग्लास होल्डर, पेन स्टैंड, कप और प्लेटों जैसे बेंत के उत्पाद मेघालय के स्टॉल से भी खरीदे जा सकते हैं।