भोपाल- व्यापम मामले में आज दिग्विजय सिंह ने एसआईटी से मुलाक़ात के बाद प्रेस को संबोधित किया और हताशा जाहिर करते हुए जांच एजेंसियों और प्रशासन की नीयत पर सवाल उठाये.दिग्विजय सिंह ने ताल ठोंकते हुए कहा की यदि मैं गलत हूँ,गलत सबूत पेश कर रहा हूँ तो मुझे गिरफ्तार करें.व्यापम मामले में एसआईटी को दिए एक पत्र जो फरवरी में दिया गया था वह अभी तक एसटीऍफ़ को नहीं दिया गया.दिग्विजय सिंह ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा की जांच एजेंसियों की नीयत ही साफ़ नहीं है की व्यापम मामले में जांच ठीक प्रकार से हो.उन्होंने कहा की जो मुख्यमंत्री अधिकारीयों की गोपनीय चरित्रावली लिखता हो वह कैसे मुख्यमंत्री के विरुद्ध जांच करेगा.
दिग्विजय सिंह के आरोपों के प्रमुख बिंदु-
1.18 जुलाई 2013 को शाम 4:20 पर हार्ड-डिस्क जब्त हुई,कंप्यूटर की यह फाईल शाम 6 बजे देखी गयी और शाम 8 बजे के बाद इसमें परिवर्तन किया गया.
2.इस हार्ड डिस्क की मिरर इमेज जो प्रशांत पांडे से प्राप्त हुई देश की विश्वसनीय लेब से करवाई गयी और इस लेब के विशेषज्ञ सच्चाई बताने के लिए अपना बयान एसटीऍफ़ को देने को तैयार है.
3.दिग्विजय सिंह ने कहा की एसआईटी और एसटीऍफ़ उन्हें किस हैसियत से बुला रही है आरोपी के तौर पर या गवाह के तौर पर स्पष्ट करे.
4.दिग्विजय सिंह ने कहा की एसआईटी के गठन में सम्माननीय और हैसियत वाले नाम हैं लेकिन उनका कहना है की वे कुछ नहीं कर सकते यह हास्यास्पद है.देश और समाज के लिए घातक है यह स्थिति.
5.उन्होंने कहा की भाजपा घर वापसी की बात करती है हम फीस वापसी की,एक करोड़ लोगों से ली हुई परीक्षा फीस वापस की जाय.
6.दिग्विजय सिंह बोले जब व्यापम मामले में सरकार के मंत्री अन्दर हैं,राज्यपाल पर एफआईआर हो चुकी है उनके ओएसडी अन्दर हैं,राज्यपाल के पुत्र पर एफ़आईआर हुई तब मुख्यमंत्री पर क्यों नहीं उन पर ऍफ़आईआर होनी चाहिए.
7.उच्च-न्यायालय के प्रत्येक मामले की रिपोर्ट वेबसाईट पर उपलब्ध होती है लेकिन व्यापम मामले में ऐसा नहीं है उसके बारे में कोई जानकारी प्रदर्शित नहीं है.
8.दिग्विजय सिंह जब हर तरफ से मायूस हो गए तब उन्होंने राज्यपाल के कार्यालय के माध्यम से सीबीआई जांच की गुहार राष्ट्रपति से लगाई है.
9.दिग्विजय सिंह ने कहा है की यदि कहीं से कुछ नहीं हुआ तब वे लोकतंत्र में गम्भीर कदम उठाएंगे.