इंदौर-सीबीआई को शक, इंदौर के थाने के मालखाने से हुई हार्ड डिस्क में हेराफेरीइंदौर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हार्ड डिस्क टेंपरिंग की जांच तेज कर दी है। उसे शक है कि हार्ड डिस्क की हेराफेरी राजेंद्र नगर थाने के मालखाने से होती थी। सीबीआई ने इंचार्ज से पूछताछ की तो उसने गोलमाल जबाव दिए, जिससे क्राइम ब्रांच अफसरों पर शक गहराता जा रहा है। मामले में एक रिटायर्ड एसआई की भी भूमिका संदिग्ध है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजयसिंह व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने इंदौर क्राइम ब्रांच पर सनसनीखेज आरोप लगाया था कि व्यापमं के सीनियर सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा से जब्त हार्ड डिस्क में हेराफेरी की गई है। व्हिसल ब्लोअर प्रशांत पांडे ने भी इन्हीं आरोपों के आधार पर सीबीआई जांच की मांग की थी। अब सीबीआई ने इस केस की छानबीन शुरू कर दी है। जांच हार्ड डिस्क से ही शुरू हो रही है। सीबीआई को शक है कि हार्ड डिस्क की हेराफेरी राजेंद्र नगर थाने के मालखाने में होती थी।
जांच अधिकारी ने पत्र लिखकर मालखाना इंचार्ज (एएसआई-एम) रामरतन कुशवाह से पूछताछ की है। सूत्रों के मुताबिक कुशवाह ने गोलमाल जवाब दिए हैं। उन्होंने तत्कालीन एसआई महाराजदीन मिश्रा व क्राइम ब्रांच अफसरों द्वारा जब्त सामग्री के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं की। बल्कि यह कहा कि सीडी-हार्ड डिस्क मालखाने में आती तो थी, पर जांच के लिए निकाल ली जाती थी।
इसी केस से खुला था व्यापमं घोटाला
क्राइम ब्रांच एसआई कैलाश पाटीदार ने 7 जुलाई 2013 को होटल पथिक पर दबिश दी और रमाशंकर कुर्मी, मो.रिजवान खान को पकड़ा। दोनों पीएमटी देने आए थे। एसपी की रिपोर्ट पर केस दर्ज कर जांच की गई तो डॉ. जगदीश सगर, नितिन महिंद्रा, संजीव शिल्पकार सहित बड़े आरोपी पकड़े गए। बाद में केस क्राइम ब्रांच से एसटीएफ को सौंप दिया गया।
एसटीएफ ने जांच की और पीएमटी, कांस्टेबल भर्ती, परिवहन भर्ती, दुग्धसंघ, संविदा शिक्षा, डाटा इंट्री, प्रीपीजी व पीजी घोटाला उजागर किया। अब केस सीबीआई के पास है, लेकिन सीबीआई ने केस दर्ज करने के पूर्व टेंपरिंग की छानबीन शुरू की। जांच सही साबित हुई तो अफसरों का फंसना तय है।
इन सवालों के जवाब तलाश रही सीबीआई
-हार्ड डिस्क जब्त करने के दौरान पुलिस ने हैश वैल्यू जनरेट की या नहीं?
-हार्ड डिस्क करने के बाद सॉफ्ट वेयर का सीजर बनाया या नहीं?
-चालान में दर्शाए सीरियल नंबर की ही हार्ड डिस्क मालखाने में रखी जाती थी या नहीं ?
मैंने भेज दिया जवाब
सीबीआई का पत्र मिला था। जांच एमडी मिश्रा (रिटायर एसआई) व क्राइम ब्रांच कर रही थी। मुझे तो सामान रखने के लिए दिया जाता था। सामान लिफाफे में रहता था, जिसे रख देता था। इसके अलावा मुझे कुछ नहीं मालूम। मैंने अपना जवाब भेज दिया है। -रामरतनसिंह कुशवाह (एएसआई-एम)
भारत वार्ता डॉट कॉम से साभार