पटना, 14 मार्च (आईएएनएस)। कहते हैं कि जिंदगी में कभी ऐसा भी समय आता है, जब आदमी पेट पालने की मजबूरी में कोई गलत रास्ता अख्तियार कर लेता है या हताश होकर दुनिया ही छोड़ देता है। लेकिन बिहार की राजधानी के फ्रेजर रोड स्थित रेस्तरां ‘सेवन-टू-सेवन’ में काम करने वाली लड़कियों ने अतीत को भूल, मेहनत से अपनी किस्मत संवार ली है।
पटना, 14 मार्च (आईएएनएस)। कहते हैं कि जिंदगी में कभी ऐसा भी समय आता है, जब आदमी पेट पालने की मजबूरी में कोई गलत रास्ता अख्तियार कर लेता है या हताश होकर दुनिया ही छोड़ देता है। लेकिन बिहार की राजधानी के फ्रेजर रोड स्थित रेस्तरां ‘सेवन-टू-सेवन’ में काम करने वाली लड़कियों ने अतीत को भूल, मेहनत से अपनी किस्मत संवार ली है।
कल तक जो लड़कियां अपनी पहचान बताने से कतराती थीं, आज वे अपने दम पर इज्जत के साथ रेस्तरां चला रही हैं। समाज भी अब उन्हें मान-सम्मान दे रहा है, लेकिन यह सब समाज की मदद व प्यार के बिना संभव नहीं था।
सेवन-टू-सेवन में काम करने वाली सात लड़कियां प्रबंधन से लेकर खाना परोसने तक का काम संभालती हैं। इन्हें सही राह पर लाने में स्वयंसेवी संस्था ‘प्रयास भारती’ का प्रयास सराहनीय रहा है।
संस्था की निदेशक डा़ॅ सुमन ने आईएएनएस को बताया, “यहां काम करने वाली सभी लड़कियां कभी देह व्यापार में फंसी थीं, लेकिन इनमें अच्छा खाना बनाने का हुनर था। उनके इसी हुनर को संस्था ने औजार बनाया। संस्था ने जब इन लड़कियों से संपर्क किया, तब ये दिन के उजाले में किसी को अपना परिचय भी नहीं देती थीं।”
सुमन कहती हैं कि इन लड़कियों में कुछ बिहार की हैं और कुछ पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इन लड़कियों को जिस्म के सौदागरों के चंगुल से मुक्त करवाया। बाद में अदालत के आदेश पर इन्हें प्रयास भारती को सौंप दिया गया। उस समय कुछ लड़कियों के परिजनों से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया था, लेकिन सफलता नहीं मिली।
रेस्तरां ‘सेवन-टू-सेवन’ में चाइनीज और भारतीय व्यंजन परोसे जाते हैं। रेस्तरां में काम करने वाली सात लड़कियों में से एक प्रबंधक है, तीन वेटर, एक गार्ड और दो सहायक के पद पर हैं।
जिस्मफरोशी के दलदल से निकलीं ये सभी लड़कियां अपनी जिंदगी की दिशा बदलने से बहुत खुश हैं। वे संस्था और पुलिस की शुक्रगुजार हैं। वे आगे की जिंदगी को लेकर नए-नए सपने संजो रही हैं।