वृंदावन, 1 मई (आईएएनएस)। पवित्र नगरी वृंदावन में कार्यरत गैर सरकारी संगठन ब्रज फाउंडेशन ने ब्रज क्षेत्र ने भगवान कृष्ण की पौराणिक कथाओं से जुड़े जलाशयों के पुनर्निर्माण तथा पुनर्जीवन पर बड़े पैमाने पर कार्य शुरू किया है।
पौराणिक समय में ब्रज क्षेत्र में लगभग 1,000 कुंड तथा सरोवर विद्यमान थे, जिनमें से अधिकांश 5,000 साल पुराने हैं तथा इनका वर्णन पौराणिक हिंदू धर्मग्रंथों तथा धार्मिक पुस्तकों में मिलता है। उन जलाशयों के किनारे भगवान कृष्ण गोपियों संग रास लीला करते थे। पौराणिक समय में यही जलाशय क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्रोत थे।
वर्तमान में इनमें से लगभग 800 कुंड-सरोवर पिछले 200 वर्षो के दौरान तेजी से बढ़ती शहरीकरण उचित देखरेख, मरम्मत की कमी, उपेक्षा तथा अवैध कब्जों की वजह से लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई है तथा इनके पानी में क्षारीय तत्व पैदा हो गए हैं।
पर्यावरण तथा सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण व नवीकरण के लिए ब्रज फाउंडेशन ने वर्ष 2005 में इन पवित्र जलाशयों के मरम्मत पुनर्निर्माण तथा पुनर्जीवन पर कार्य करना शुरू किया।
ब्रज फाउंडेशन ने अपने भागीरथी प्रयासों के फलस्वरूप अब तक 46 कुंडों को सफलतापूर्वक रीचार्ज करके क्षेत्र में 5 लाख क्यूबिक मीटर जलधारण क्षमता का सृजन किया है।
इस विराट कार्य के लिए फाउंडेशन को मुंबई के प्रसिद्ध उद्योगपति तथा दानवीर कमल मोरारका का सक्रिय सहयोग मिला। इस सराहनीय कार्य के लिए फाउंडेशन को देश का सर्वश्रेष्ठ गैर सरकारी संगठन होने के नाते चार यूनेस्को पुरस्कार प्रदान किए गए।
फांउडेशन इस समय क्षेत्र के 800 जलाशयों, 137 पवित्र वनों, धरोहर भवनों के पुनर्निर्माण तथा पुनर्जीवन पर कार्य कर रहा है।
ब्रज फाउंडेशन के अध्यक्ष विनीत नारायण ने कहा कि ऐतिहासिक ब्रज कुंड (वृंदावन) तथा रुद्रकुंड (गोवर्धन) उन मुख्य कुंडों में से है, जिन्हें पिछले वर्षो के दौरान संगठन ने पूरी तरह पुनर्जीवित तथा सौंदर्यीकरण किया है। यह श्री कृष्ण लीला से जुड़े आठ पावन स्थलों में से एक है।
एक चमत्कारिक रूप में इस जलाशय से गाद हटाने के बाद प्राकृतिक पानी का बहाव शुरू हो गया, जो कि अब ताजे मीठे पानी से भरा रहता है तथा श्रद्वालुओं के विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
विनीत नारायण के अनुसार, इस समय ब्रज फाउंडेशन रामताल, संकर्षण ताल, बलभद्र ताल, आदि प्रमुख जलाशयों के पुनर्निर्माण तथा पुनर्जीवन पर कार्य कर रहा है।
ब्रज फाउंडेशन के सचिव रजनीश कपूर ने बताया कि प्रत्येक कुंड के साइज तथा वर्तमान स्थिति के अनुरूप इसके पुनर्जीवन तथा पुनर्निर्माण पर 50 लाख रुपये से तीन करोड़ रुपये तक लागत आती है। उन्होंने कहा कि इन जलाशयों के पुनर्निर्माण के कार्य के लिए जमनालाल बजाज फाउंडेशन ने अब तक कुल 1.50 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की।
उन्होंने कहा कि विभिन्न जलाशयों के पुनर्निर्माण तथा पुनर्जीवन पर कार्य पूरे जोरों पर चल रहा है तथा संस्था ने कृष्ण सरोवर, जयकुंड, चंद्र सरोवर तथा गरुड़ गोविंद कुंड पर वर्ष 2007 से अब तक काफी कार्य किया है।
परियोजना समन्यवक गौरव गोला के अनुसार, ब्रज फाउंडेशन ने वर्ष 2003 में भगवान कृष्ण की पौराणिक गाथाओं से जुड़े जलाशयों का वर्ष 2003 में व्यावसायिक रूप से सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया तथा उनमें से अधिक काफी दयनीय स्थिति में थी।
उन्होंने बताया कि संगठन ने इन जलाशयों की भौगोलिक स्थिति, राजस्व रिकार्ड, सांस्कृतिक इतिहास, फोटोग्राफ सहित उनके पुनर्निर्माण की सभी जरूरतों का व्यापक आकलन किया।
गौरव गोला ने बताया कि सर्वेक्षण कार्य पूरा होने के बाद वास्तुकारों, सिविल इंजीनियरों, ग्राफिक डिजाइनरों, लैंडस्केप डिजाइनरों तथा चित्रकारों द्वारा विस्तृत विकास योजनाएं बनाई गईं, विस्तृत योजनाएं बनने के बाद फांउडेशन ने इनके पुनर्निर्माण के लिए आर्थिक धनराशि जुटाने की संभावनाओं पर कार्य किया तथा विभिन्न परियोजनाओं को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया है।