श्रीनगर, 28 मई (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने हजारों कश्मीरी पंडितों को बड़ी राहत देते हुए मंगलवार को राज्य के निवासियों के कई वर्गो को आरक्षण प्रमाणपत्र जारी किए जाने के नियमों में संशोधन की घोषणा की।
आरक्षण नियमों में संशोधन राज्य सामाजिक कल्याण विभाग द्वारा अधिसूचना के जरिए जारी किया गया है।
मौजूदा नियम के मुताबिक पिछड़े क्षेत्रों के निवासियों, नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास रहने वाले किसी भी व्यक्ति को शासकीय फायदा तभी मिल सकता है, जब वह पिछड़े क्षेत्र के रुप में चिह्न्ति जगहों पर 15 वर्षो से रह रहा हो।
इससे हजारों विस्थापित कश्मीर पंडितों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा था क्योंकि 1990 के आसपास आतंकवादियों की धमकी की वजह से उन्होंने अपने घरों को छोड़ दिया था।
आरक्षण नियम में हुआ संशोधन कहता है कि कोई व्यक्ति जो पिछड़े क्षेत्रों, नियंत्रण रेखा और अंतराष्ट्रीय सीमा से सुरक्षा कारणों से चला गया हो उसे आरक्षण के फायदों से वंचित नहीं किया जा सकता।
सरकार द्वारा चिह्न्ति पिछड़े क्षेत्रों में रह रहे हजारों प्रवासी पंडितों को उस क्षेत्र में 15 वर्षो तक रहने की बाध्यता की वजह से आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा था।
पिछड़े इलाकों, एलओसी और आईबी के करीब रहने वाले इलाकों के निवासियों को कई सारी सुविधाएं मिलती हैं, जिसमें सरकारी नौकरियों में आरक्षण और पदोन्नित और सब्सिडी का फायदा मिलता है।