कोलकाता, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। हाल ही में चेक गणराज्य ओपन में कांस्य पदक के साथ आईटीटीएफ वर्ल्ड टूर में पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं मणिका बत्रा की नजर अब विश्व की शीर्ष 100 खिलाड़ियों में शामिल होने पर है।
कोलकाता, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। हाल ही में चेक गणराज्य ओपन में कांस्य पदक के साथ आईटीटीएफ वर्ल्ड टूर में पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं मणिका बत्रा की नजर अब विश्व की शीर्ष 100 खिलाड़ियों में शामिल होने पर है।
आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में मणिका ने कहा, “मुझे विश्व रैंकिंग में शीर्ष 100 खिलाड़ियों में शामिल होना है। यही मेरा लक्ष्य है।”
दिल्ली की 21 वर्षीया मणिका बीते महीने रियो ओलम्पिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन मणिका ने रियो ओलम्पिक में हारकर बाहर होने से पहले 60वीं विश्व वरीय पोलैंड की खिलाड़ी कताजीना ग्रिबॉस्क को कड़ी टक्कर दी थी।
रियो ओलम्पिक से प्रगति करते हुए मणिका चेक गणराज्य ओपन में मौमा दास के साथ मिश्रित युगल वर्ग के सेमीफाइनल तक का सफर तय करने में सफल रहीं। इससे पहले इन दोनों की जोड़ी बुल्गारिया ओपन के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची।
चेक गणराज्य के प्री-क्वार्टर फाइनल में मणिका और मौमा की जोड़ी ने होनोका हाशिमोटो और हितोमी साटो की जोड़ी को मात दी थी। इसके साथ ही टूर्नामेंट के अंतिम आठ में उन्होंने जर्मनी के चांटल मांट्ज और युआन वान को हराया था।
मणिका-मौमा की जोड़ी को टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में रूस की पोलिना मिखेलोवा और मारिया दोल्गिख की जोड़ी से हार मिली।
मणिका ने कहा, “बुल्गारिया और चेक गणराज्य में किए अच्छे प्रदर्शन के कारण मेरी रैंकिंग में सुधार हुआ है। मैं इसमें और सुधार करना चाहती हूं।”
मणिका ने दोनों टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर विश्व रैंकिंग में 14 स्थानों की छलांग लगाकर 113वां स्थान हासिल किया। वहीं, मौमा ने पांच स्थान के लाभ के साथ विश्व रैंकिंग में 145वां स्थान हासिल किया।
मणिका ने मलेशिया में आयोजित हुए विश्व टेबल टेनिस चैम्पियनशिप-2016 में भारतीय महिला टीम की ओर से खेलते हुए स्वर्ण पदक भी जीता। उनका कहना है कि वह अब अपनी जापानी प्रतिद्वंद्वियों को मात देना चाहती हैं।
उन्होने कहा, “मैं कई बार जापानी प्रतिद्वंद्वियों को हराते-हराते चूकी हूं। मैं अपने खेल पर काम करना चाहती हूं और उन्हें हराना चाहती हूं। मैं इस पर काम कर रही हूं।”
उनकी साथी खिलाड़ी मौमा दास ने कहा, “यह शानदार रहा। हम पहली बार साथ खेले और कांस्य पदक जीता। आशा है कि आगे और भी अच्छी चीजें होंगी।”
दास ने कहा कि उनका ध्यान मिश्रित युगल पर कम है। इसमें बदलाव की जरूरत है। इसमें स्वर्ण पदक जीतने के कई अवसर हैं।
रियो ओलम्पिक में हिस्सा लेने से मणिका ने काफी कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि वह अपने रियो के प्रदर्शन से खुश हैं। हालांकि, उन पर काफी दबाव था लेकिन वह अपने आप को बेहतरीन प्रदर्शन देने के लिए प्रेरित करती थीं।
मणिका ने कहा कि रियो ओलम्पिक से उन्होंने सीखा कि आत्मविश्वास कभी नहीं खोना चाहिए। इस प्रकार की बड़ी प्रतियोगिताओं से आप काफी कुछ हासिल कर सकते हो।
रियो ओलम्पिक में रजत पदक जीतने वाली पी. वी. सिधु, कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक और जिम्नास्टिक्स के फाइनल में पहली बार पहुंचीं भारतीय एथलीट दीपा कर्माकर के संदर्भ में मणिका ने कहा कि महिला खिलाड़ियों के दमदार प्रदर्शन से भारतीय अभिभावकों की मानसिकता में बदलाव आएगा और वह अपने बच्चों को खेलों की ओर प्रेरित करेंगे।
उन्होंने कहा, “आशा है कि अधिक से अधिक लड़कियां खेलों में हिस्सा लेंगी और इस सोच को बदलेंगी। अभिभावकों को अब अपने बच्चों को अधिक से अधिक खेलों की ओर प्रेरित करना चाहिए।”