एडिलेड, 14 फरवरी (आईएएनएस)। मौजूदा विश्व चैम्पियन भारतीय क्रिकेट टीम के लिए विश्व कप-2015 से ठीक पहले आस्ट्रेलिया का दौरा खराब रहा तथा उनके डांवाडोल प्रदर्शन ने दूसरी विश्व वरीय टीम के खिताब बचा पाने की संभावनाओं को करारा झटका दिया है।
भारतीय टीम पिछले साल नवंबर से ही आस्ट्रेलिया में है, लेकिन एक भी मैच जीतने में सफल नहीं रही है, चाहे वह टेस्ट मैच हो या एकदिवसीय। अंतत: उन्हें विश्व कप से ठीक पहले अफगानिस्तान जैसी दोयम दर्जे की टीम के खिलाफ अभ्यास मैच में आस्ट्रेलिया की धरती पर पहली जीत मिली।
भारतीय टीम को आस्ट्रेलिया ने आठ फरवरी को हुए अभ्यास मैच में 106 रनों से बुरी तरह मात दी, जिसके बाद भारत पर बेतरह दबाव बन चुका है।
भारत के लिए हालांकि यह फायदे वाला भी हो सकता है, कि इतने लंबे समय से आस्ट्रेलिया में रहने के कारण वे यहां के मौसम में काफी कुछ ढल चुके हैं।
दूसरी सबसे अहम बात यह भी है कि भारत को विश्व कप में हर मैच आस्ट्रेलिया जैसी सर्वोच्च वरीय टीम से ही नहीं खेलना है। विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में लीग चरण में जीत की लय पाना और नॉकआउट चरण में प्रवेश करना कहीं अहम होता है।
एक बार क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लेने के बाद परिस्थितियां काफी बदल जाती हैं और सभी प्रतिद्वंद्वी टीमों पर दबाव एक जैसा हो जाता है।
भारत को पूल-बी में दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, जिम्बाब्वे, आयरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के सथ रखा गया है।
इसका आशय यह है कि भारत को कम से कम तीन मैच जिम्बाब्वे, आयरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात जैसी हल्की टीमों के साथ खेलना है और यह तीन मैच जीतकर उनका नॉकआउट चरण में प्रवेश लगभग तय हो जाएगा।
भारतीय टीम के लिए उसकी गेंदबाजी चिंता का सबब बनी हुई है। अनुभवी तेज गेंदबाज इशांत शर्मा बाहर हो चुके हैं और बेहद अनुशासित और प्रतिभाशाली भुवनेश्वर कुमार की फिटनेस भी चिंता का कारण बनी हुई है। कुल मिलाकर मोहम्मद समी और उमेश यादव के सहारे भारतीय तेज गेंदबाजी अच्छी स्थिति में नजर नहीं आ रही।
स्पिन गेंदबाजी की बात करें तो रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा कई बार मैच जिताऊ पारियां खेल चुके हैं, लेकिन आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की पिचों का वे कितना लाभ उठा पाएंगे इस पर सवालिया निशान बना हुआ है।
भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के सामने भी मुख्यत: दो चिंताएं हैं- पहली विपक्षी टीम के 10 विकेट चटका पाने की क्षमता और दूसरा आखिरी के ओवरों में संयमित गेंदबाजी। भारतीय टीम बीते दिनों इन दोनों समस्याओं से जूझती नजर आई है।
इन सबसे ऊपर भारतीय टीम को यदि वास्तव में विश्व कप खिताब बचाना है तो उन्हें अपनी वास्तविक शक्ति बल्लेबाजी पर काफी ध्यान देना होगा।
आंकड़ों के लिहाज से विराट कोहली, शिखर धवन, महेंद्र सिंह धौनी और रोहित शर्मा से सजी भारतीय टीम विश्व कप की शीर्ष बल्लेबाजी टीमों में है। मध्यक्रम में भी सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा और अजिंक्य रहाणे जैसे बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी मौजूद हैं।
भारत के पक्ष में जो सबसे बड़ी बात है वह है उनका मौजूदा चैम्पियन होना, जो किसी भी विपक्षी पर दबाव बनाने के लिए बड़ा कारण है।