मेलबर्न, 12 फरवरी (आईएएनएस)। क्रिकेट का जनक कहा जाना वाला इंग्लैंड भले ही तीन बार फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहा हो, लेकिन उसे अब भी अपने पहले विश्व कप ट्रॉफी का इंतजार है। ऐसे में टीम की कोशिश इस बार उस सपने को पूरा करने की होगी।
विश्व कप की जब शुरुआत हुई तब पहले पांच संस्करणों में वह तीन बार फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहा जबकि दो बार सेमीफाइनल तक का सफर तय किया।
पाकिस्तान के हाथों हालांकि 1992 के फाइनल में मिली हार के बाद इंग्लैंड किसी भी संस्करण में क्वार्टर फाइनल से आगे बढ़ने में नाकाम रहा। साथ ही दो बार उसे ग्रुप-वर्ग से ही बाहर होना पड़ा।
पिछला साल इंग्लैंड टीम के लिए काफी विवादित और उथल-पुथल वाला रहा। पहले इंग्लैंड के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक केविन पीटरसन की विदाई हुई और फिर उसके बाद बतौर कप्तान एलिस्टर कुक भी एकदिवसीय टीम से बाहर कर दिए गए।
बहरहाल, इंग्लैंड की टीम तमाम पुराने विवादों को छोड़कर इयान मोर्गन के नेतृत्व में विश्व कप के लिए तैयार है। मोर्गन की कप्तानी में हाल में इंग्लैंड टीम त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला के फाइनल में पहुंचने में सफल रही थी और इस दौरान उसने विश्व चैम्पियन भारत को भी दो मैचों में मात दी।
इसके बाद टीम ने पहले अभ्यास मैच में वेस्टइंडीज को नौ विकेट से हराकर अपने अच्छे फॉर्म का सबूत दिया। दूसरे अभ्यास मैच में हालांकि बुधवार को उसे पाकिस्तान से जरूर हार का सामना करना पड़ा।
इंग्लैंड को विश्व कप में अपना पहला मैच 14 फरवरी को आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना है और फिर उसके बाद टीम 20 तारीख को न्यूजीलैंड का सामना करेगी। इसके बाद इंग्लैंड को स्कॉटलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के खिलाफ खेलना है।
इंग्लैंड को पुरानी गलती से ज्यादा सीखने की जरूरत है जब चार साल पहले उसे नई टीम आयरलैंड से हार का सामना करना पड़ा था।
टीम की बात करें तो इंग्लैंड के पास अच्छे गेंदबाजों की फौज है जिसमें जेम्स एंडरसन, स्टीवन फिन, स्टुअर्ट ब्रॉड और क्रिस वोक्स शामिल हैं। सभी अच्छी लय में नजर भी आ रहे हैं।
बल्लेबाजी में इयान बेल, मोइन अली जोए रूट, रवि बोपारा जैसे शानदार खिलाड़ी जो अगर अपने क्षमता के अनुरूप खेलते हैं तो यह टूर्नामेंट इंग्लिश टीम के लिए शानदार साबित हो सकता है।