विशाखापत्तनम, 17 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम जिले के गंभीरम गांव में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) की आधारशिला रखी।
लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में स्थापित हो रहा आईआईएम-विशाखापत्तनम, केंद्र सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश के लिए आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत स्वीकृत 11 संस्थानों में से पहला संस्थान है।
संस्थान का कामकाज जून से शुरू हो सकता है और कक्षाएं अगले अकादमिक वर्ष से शुरू हो सकती हैं।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और राज्य के कई अन्य मंत्री, सांसद तथा अन्य सरकारी प्रतिनिधि समारोह में उपस्थित थे।
ईरानी ने कहा कि सरकार इस प्रतिष्ठित संस्थान की स्थापना कर आंध्र प्रदेश के युवाओं के सपने पूरे करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान सभी नागरिकों के लिए मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम पेश कर रहे हैं।
वेंकैया ने राज्य को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार संस्थानों की स्थापना में सभी मदद मुहैया कराएगी।
उन्होंने कहा कि अंतर्निहित ज्ञान, कौशल और क्षमता के साथ आंध्र प्रदेश में भारत का ज्ञान केंद्र बनने की संभावना है।
चंद्रबाबू नायडू ने विशाखापत्तनम को देश का सर्वश्रेष्ठ स्थान बताया और कहा कि उनकी सरकार इस स्थान को विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित करेगी।
उन्होंने कहा कि इस तटीय शहर को एक स्मार्ट सिटी विकसित करने के लिए जल्द ही एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
नायडू ने कहा कि आईआईएम-विशाखापत्तनम को चाहिए कि वह लॉजिस्टिक्स, विकास और समुद्री अध्ययन में नए पाठ्यक्रम पेश करे।
उन्होंने कहा कि शहर में जल्द ही एक सरल बिड़ला अकादमी होगी और बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान बिट्स का एक परिसर होगा।
चंद्रबाबू ने कहा कि उच्च शिक्षा के मामले में राज्य पहले से आगे है। उन्होंने कहा कि राज्य में आईआईटी, एम्स जैसे अतिरिक्त संस्थान स्थापित होंगे और एक केंद्रीय विश्वविद्यालय व एक जनजातीय विश्वविद्यालय भी स्थापित होगा।
इसके पहले 170 से अधिक किसानों ने अपनी भूमि छोड़ने से इंकार कर दिया था, और उन्होंने कहा कि वे इसे दशकों से जोतते आ रहे हैं। लेकिन नायडू ने उनके लिए एक विशेष पैकेज का वादा किया, तब जाकर किसानों ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त किया।
इसके पहले पांच जनवरी को ही आधारशिला रखी जानी थी, लेकिन विरोध प्रदर्शन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।