नई दिल्ली, 29 सितम्बर – औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग को यह जानकारी दी गई है कि झूठे प्रमाण पत्रों के तहत विदेशों में बने पटाखों को भारत में लाना अवैध है। पटाखे बनाने वाली विभिन्न एसोसिएशनों ने जानकारी दी है कि तस्करी के माध्यम से लाये गये इन सामानों में रसायनिक पोटेशियम क्लोरेट शामिल है। यह एक खतरनाक रसायन है और इससे तेजी के साथ आग लग सकती है या विस्फोट हो सकता है। तमिलनाडु फायरवर्क्स और अमोर्सिस मैन्युफैक्च र्स एसोसिएशन (टीएएनएफएएमए) ने यह भी जानकारी दी है कि विदेशों में बने अवैध पटाखें भारी मात्रा में हमारे देश में लाये जा चुके हैं और आगामी दीपावली के मौके पर इनको बड़ी मात्रा में खुदरा दुकानों पर बेचे जाने की संभावना है।
विदेश व्यापार के महानिदेशक द्वारा आयात के संबंध में आईटीसी (एचएस) के अंतर्गत भारत में पटाखों को प्रतिबंधित वस्तु घोषित किया जा सकता है। दिनांक 27.01.1992 की अधिसूचना जीएसआर सं.64(ई)के अनुसार देश में क्लोरेट के साथ सल्फर अथवा सल्फरेट से बनी किसी भी विस्फोटक सामग्री का निर्माण, खरीद, उपयोग, बिक्री आदि पर प्रतिबंध है।
अद्यतन, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति विकास के एक अधीनस्थ कार्यालय पैट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन द्वारा विस्फोटक नियम 2008 के अंतर्गत पटाखों के आयात के लिए लाइसेंस प्रदान नहीं किये जाते।
इस कानून के तहत विदेशों में बने पटाखों की बिक्री भारत में अवैध और दण्डनीय हैं। इस तरह के पटाखों की बिक्री अथवा भंडारण की सूचना उचित कार्रवाई के लिए पास के पुलिस स्टेशन में की जा सकती है।